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आजादी के पहले से संभाले हुए है इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन प्रयागराज में क्रिकेट की कमान

सुबह से स्कूल-कालेजों के मैदानों में युवाओं की तमाम टोलियां जुट जाती थीं और फिर शाम तक बैट-बॉल के बीच जोर आजमाइश होती थी। खूब चौके-छक्के लगते थे। चौराहों पर मैच के परिणाम को लेकर गरमागरम बहस भी हुआ करती थी। बीते वक्त में जिले से कई उम्दा खिलाड़ी निकले

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 02:00 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 02:00 PM (IST)
आजादी के पहले से संभाले हुए है इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन प्रयागराज में क्रिकेट की कमान
एक दौर था जब प्रयागराज में क्रिकेट का खेल लोगों के सिर चढ़कर बोलता था।

प्रयागराज, जेएनएन। एक दौर था जब प्रयागराज में क्रिकेट का खेल लोगों के सिर चढ़कर बोलता था। सुबह से ही स्कूल-कालेजों के मैदानों में युवाओं की तमाम टोलियां जुट जाती थीं और फिर शाम तक बैट-बॉल के बीच जोर आजमाइश होती थी। खूब चौके-छक्के लगते थे। चौराहों पर मैच के परिणाम को लेकर गरमागरम बहस भी हुआ करती थी। बीते वक्त में जिले से कई उम्दा खिलाड़ी निकले जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन से जिला, प्रदेश व देश का नाम रोशन किया था। इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) ने इन युवाओं को क्रिकेट खेल के गुर बताने का काम किया जो आज भी बदस्तूर जारी है।

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देश की आजादी के पहले ही पड़ी एसीए की बुनियाद

इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन यानी एसीए के संयोजक आरपी भटनागर का कहना है कि उन्हें ठीक से तारीख और वर्ष तो याद नहीं किंतु एसीए का गठन देश की आजादी मिलने के पहले हो चुका था तब अंग्रेज क्रिकेट खेलते थे। 1947 में देश आजाद हुआ तो डीएस पांडेय जी एसोसिएशन के सचिव बने। उनके नेतृत्व में एसीए ने प्रयागराज में तमाम मैच कराए। डीएस पांडेय 32 सालों तक लगातार उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के भी सेक्रेटरी रहे और अस्वस्थ होने पर पद छोड़ा। 1964-65 में वे यूपी क्रिकेट टीम के मैनेजर भी थे।

रणजी ट्राफी के मैचों के अलावा कराए कई बेनिफिट मैच

भटनागर का कहना है कि एसीए के सेक्रेटरी रहे डीएस पांडेय क्रिकेट के लिए पूरी तरह समर्पित थे। उन्होंने न केवल प्रयागराज में क्रिकेट खेल को परवाना चढ़ाया बल्कि प्रदेश स्तर पर भी क्रिकेट को आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने अपने नेतृत्व में रणजी ट्राफी के कई मैच कराने के साथ ही 1970-71 में वीनू मांकड़ सहायतार्थ मैच और 1974-75 में सीके नायडू सहायतार्थ मैच मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में कराए।

 

जब एसीए के संचालन के लिए हाईकोर्ट ने बैठा दिए थे रिसीवर

डीएस पांडेय ने जब खराब स्वास्थ्य के आधार पर एसीए के सेक्रेटरी का पदभार छोड़ा तो सईदुल्ला साहब को चार्ज दिया गया लेकिन वे एसीए को सही ढंग से चला नहीं सके और 15 मार्च 1985 को हाईकोर्ट ने रिसीवर के रूप में एडवोकेट दिनेश चंद्र श्रीवास्तव को बैठा दिया। वर्ष 2005 में उनका निधन हो गया तो डा.सुनील वर्मा को रिसीवर बनाया गया। बाद में एसीए के संचालन के लिए एक कमेटी बनाई गई जिसमें ताहिर हसन कन्वीनर बनाए गए जो वर्तमान में भी काम देख रहे हैं।

यूपी-विदर्भ के बीच मैच का शास्त्री जी ने किया था उद्घाटन

आरपी भटनागर के मुताबिक यूपी की टीम सन 1964-65 में आनंद शुक्ला की कप्तानी में 32 साल के बाद रणजी ट्राफी के सेमीफाइनल में पहुंची थी। जिसमें हैदराबाद की टीम को विजय मिली थी। तब उत्तर प्रदेश और विदर्भ की टीम के बीच मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में मैच खेला गया था जिसका उद्घाटन लालबहादुर शास्त्री जी ने किया था।

एसीए की ओर से कराया जाता है कई लीग मैचों का आयोजन

इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से लीग मैचों का आयोजन कराया जाता है जिसमें तमाम टीमें भाग लेती हैं। आरपी भटनागर ने बताया कि सीनियर डिवीजन में एमआर शेरवानी लीग कम नाकआउट प्रतियोगिता के अलावा एसीए जूनियर डिवीजन में डा. रवि वर्मा अंडर-19 लीग प्रतिस्पर्धा व  प्रतिष्ठित कमेेंटेटर रहे मनीष देव और स्कंद गुप्त के नाम पर अंडर-16 लीग मैचों के अलावा सत्येंद्र प्रसाद के नाम से अंडर-14 के लीग मैच भी कराता है।


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