ओमिक्रोन: कोरोना के नए वैरियंट के जांच की सुविधा प्रतापगढ़ में नहीं, जीनोम सिक्वेसिंग लखनऊ के भरोसे
प्रतापगढ़ के सीएमओ ने कहा कि कोरोना के नए वैरियंट को लेकर अभी यहां चिंता की बात तो नहीं है लेकिन हमारी तैयारी जोरों पर है। सभी सीएचसी में मेडिकल अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है कि संदिग्ध मिलें तो फौरन सर्विलांस टीम को सूचना दें।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जनपद में ओमिक्रोन का मामला पुष्ट करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। राजकीय मेडिकल कालेज के अस्तित्व में आ जाने के बावजूद इस नए वैरीएंट की जांच की सुविधा यहां पर नहीं हो सकी है। जीनोम सिक्वेसिंग से ओमिक्रोन का पता चलेगा। उसके लिए लखनऊ की ओर भागना पड़ेगा। कोरोना के नए वैरिएंट में शरीर में दर्द और सिर में दर्द मुख्य रूप से लक्षण बताए गए हैं। कोरोना संक्रमित का पता लगाने को जांच के लिए वही पुराने आरटीपीसीआर व एंटीजन व्यवस्था है। जांच स्थानीय लैब में हो रही है, लेकिन उसकी रिपोर्ट दो दिन में आ पाती है। ऐसे में नए वैरिएंट का पता लगाना बहुत ही मुश्किल काम लोकल स्तर पर है।
ओमिक्रोन को लेकर सतर्कता जरूरी है
अभी पूरे देश में नए वैरिएंट के 20 केस मिले हैं। यूपी में कोई नहीं मिला है, लेकिन जिस तरह से यह बढ़ रहा है उससे यह नहीं कहा जा सकता कि इसे आने में बहुत समय लगेगा। प्रतापगढ़ में सोने लाल पटेल मेडिकल कालेज बन चुका है, लेकिन लेकिन जांच की व्यवस्था अब तक यहां नहीं है। इसके लिए किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ का सहारा लेना पड़ता है।
प्रतापगढ़ के सीएमओ बोले- हमारी तैयारी जोरों पर है
प्रतापगढ़ के सीएमओ डाक्टर एके श्रीवास्तव कहते हैं कि अभी प्रतापगढ़ में ऐसा कोई संदिग्ध मरीज भी नहीं मिला है। चिंता की बात तो नहीं है, लेकिन हमारी तैयारी जोरों पर है। सभी सीएचसी में मेडिकल अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है कि अगर संदिग्ध लोग मिले तो फौरन सर्विलांस टीम को सूचना दें।
कोरोना के नए वैरीअंट को लेकर एहतियात नहीं
राजकीय मेडिकल कालेज प्रतापगढ़ के अंतर्गत संचालित नगर का राजा प्रताप बहादुर अस्पताल जहां पर कोरोना के नए वैरीअंट को लेकर कोई सतर्कता नजर नहीं आती। इमरजेंसी तक में थर्मल स्कैनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल प्रशासन की ओर से भी कोई रोक-टोक भी नहीं की जाती।l बुधवार दोपहर काे यही नजारा नजर आया।
लालगंज में सतर्कता का अभाव
ओमिक्रोन को लेकर प्रदेश में आहट है। इसके बावजूद तहसील लालगंज क्षेत्र की सीएचसी, पीएससी से लेकर बाजारों व सार्वजनिक स्थानों तक पर लोगों में लापरवाही दिख रही है। लालगंज सीएचसी में कोरोना संक्रमण से बचाव के इंतजाम को लेकर तैयारियां पूरी होने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन यहां सतर्कता को लेकर लापरवाही दिख रही है। अस्पताल में न तो स्क्रीनिंग शुरू हो सकी है और न ही हेल्प डेस्क नजर आ रही है। कोरोना लहर में ट्रामा सेंटर लालगंज में एल टू अस्पताल व्यवस्थित किया गया था। वर्तमान में यहां कोरोना मरीजों के लिए 30 बेड की व्यवस्था बनाई गई है। प्रत्येक बेड पर आक्सीजन पाइप लाइन व कंसंट्रेटर की व्यवस्था तैयार होने का दावा किया जा रहा है।
कोरोना गाइडलाइन के प्रति उदासीनता
अधीक्षक डाक्टर अरविंद गुप्ता द्वारा कोरोना के नए वैरिएंट के लिहाज से मरीजों के लिए बेड, आक्सीजन, दवाइयां आदि की सुविधा पूर्ण होने की बात बताई गई। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव की सतर्कता अस्पताल में कहीं नजर नहीं आ रही है। अस्पताल में चिकित्सक, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ मास्क लगाने की महज खानापूर्ति तक सीमित दिख रहे हैं। सेनेटाइजर टेबल की शोभा बने है। अस्पताल में आने वाले मरीज व तीमारदार भी कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों की भूले दिख रहे हैं। दो गज शारीरिक दूरी भी लोग भूल चुके हैं। चिकित्सक से लेकर तीमारदार तक किसी में भी सावधानी नहीं दिख रही है। लोग लापरवाह बने हैं।