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चौफटका-कालिंदीपुरम रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर के लिए अब दोबारा होगा टेंडर

आरओबी का निर्माण सेना क्षेत्र की जमीन पर होना है। सेतु निगम और सेना के अधिकारियों से वार्ता लगातार चल रही है। बमरौली एयर पोर्ट से प्रयागराज शहर के बीच घुमावदार लंबे रास्ते से बचने के लिए सेतु निगम की ओर से लगभग 1300 मीटर आरओबी बनाने का प्रस्ताव था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:54 AM (IST)
चौफटका-कालिंदीपुरम रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाईओवर के लिए अब दोबारा होगा टेंडर
चौफटका फ्लाईओवर की 1300 मीटर आरओबी और 700 मीटर फ्लाई ओवर की रहेगी लंबाई

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चौफटका में आरओबी और फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने के लिए अब दोबारा नए सिरे से टेंडर निकाला जाएगा। यह टेंडर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम निर्माण खंड-2 की ओर से निकाला जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। पहले इसको बनवाने का जिम्मा राज्य सेतु निगम निर्माण खंड इकाई एक के पास था। निर्माण खंड एक के पास काम अधिक होने के कारण अब यह दायित्व निर्माण खंड दो को दे दिया गया है। जिस एजेंसी को पहले निर्माण कार्य करना था वह भी अपना हाथ पीछे खीच लिया है। ऐसे में अब नए सिरे से निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाला जाएगा।

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284 करोड़ रुपये में आरओबी और फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य

आरओबी का निर्माण सेना क्षेत्र की जमीन पर होना है, ऐसे में सेतु निगम और सेना के अधिकारियों से वार्ता लगातार चल रही है। बम्हरौली एयर पोर्ट से प्रयागराज शहर के बीच घुमावदार लंबे रास्ते से बचने के लिए सेतु निगम की ओर से लगभग 1300 मीटर आरओबी बनाने का प्रस्ताव था। वहीं चौफटका के पास लगभग 700 मीटर का फ्लाई ओवर ब्रिज भी प्रस्तावित है। यह दोनों निर्माण कार्य 284 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होना था।

1300 मीटर आरओबी और 700 मीटर फ्लाई ओवर की रहेगी लंबाई

जमीनी विवाद समाप्त होने के बाद सेतु निगम निर्माण खंड दो की ओर से दोबारा टेंडर निकाला जाएगा। सेतु निगम निर्माण खंड दो के एक अधिकारी ने बताया कि निर्माण कार्य 36 माह में पूरा होना है। जहां पर सेना की जमीन नहीं है उस पर जल्द ही सर्वे कराकर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। सेना और सेतु निगम के अधिकारियों ने जमीन का सर्वे पूरा कर लिया है अब सेना को दूसरे स्थान पर जमीन देने की तैयार की गई है।


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