CoronaVirus: जमातियों के लिए गौहनिया इलाके में बनी अस्थायी जेल Prayagraj News
प्रोफेसर 16 विदेशी जमाती समेत 30 आरोपितों को नैनी जेल भेजा गया था। वहां उन्हें महिला बैरक के अस्थायी जेल में रखा गया था।
प्रयागराज,जेएनएन। जमातियों के लिए अब यमुनापार के गौहनिया स्थित ग्रीन फील्ड एकेडमी स्कूल को अस्थायी जेल बना दी गई है। यहां आरोपितों को रहने, खाने और दूसरी व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। गुरुवार को नैनी जेल से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, विदेशी जमाती समेत अन्य आरोपितों को यहां शिफ्ट करने की तैयारी है। सेंट्रल जेल नैनी के बंदियों में कोरोना वायरस फैलने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
अभी तक नैनी जेल के महिला बैरक के अस्थायी जेल में रखा गया है
मंगलवार को प्रोफेसर, 16 विदेशी जमाती समेत 30 आरोपितों को नैनी जेल भेजा गया था। वहां उन्हें महिला बैरक के अस्थायी जेल में रखा गया था। कहा जा रहा है कि विदेशी जमातियों में एक इंडोनेशियाई कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। जेल के भीतर जो बंदीरक्षक दूसरे कैदियों को भोजन देते हैं, वही जमातियों को भी खाना दे रहे हैं। ऐसे में जेल के बंदियों कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है। इसे देखते हुए डीआइजी जेल बीआर वर्मा के निर्देश पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने डीएम व एसएसपी से वार्ता की और फिर सभी को दूसरी जगह रखने का फैसला किया गया। बुधवार शाम एसपी यमुनापार दीपेंद्र चौधरी, एसडीएम बारा संदीप भाटिया समेत अन्य अधिकारियों ने कई स्कूलों को देखा। देर शाम घूरपुर थाना क्षेत्र के गौहनिया स्थित ग्रीन फील्ड एकेडमी में सभी को रखने की तैयारी शुरू की गई। स्कूल के आसपास सुरक्षा के लिए बैरीकेडिंग लगाई गई और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि जेल में बंदियों को कोरोना संक्रमण न हों, इसके लिए विदेशी नागरिकों के लिए दूसरी जगह अस्थायी जेल बनाई जा रही है। वहीं पर सभी को शिफ्ट किया जाएगा।
रात भर बदलते रहे करवट, दूर से मिला खाना
अस्थायी जेल में बंद प्रोफेसर, विदेशी जमाती समेत अन्य आरोपित पहली रात करवट बदलते हुए काटी। कोरोना के खौफ के चलते उनके बैरक में कोई भी जेलकर्मी जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। बुधवार सुबह सुबह सभी को दूर से ही खाना दिया गया। जेलकर्मियों ने सभी जमातियों से कई फिट दूर थाली रखवा ली और फिर खाना देकर वहां से चले गए। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह ने बताया कि दूसरे बंदियों की तरह उन्हें भी सुविधाएं दी जा रही हैं। संक्रमण से बचने के उपाय करते हुए शारीरिक दूरी का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है।