Kumbh mela 2019 : आस्था, सेवाभाव और देशभक्ति का अनूठा संगम हैं अभिषेक
अभिषेक इंटीरियर डिजाइनर हैं। अपने शरीर पर शहीद सैनिकों के टैटू गोदवा रखा है। कहते हैं यह उन सैनिकों को श्रद्धांजलि है।
विजय सक्सेना : कुंभ नगर : वह, एक सड़क दुर्घटना में सैनिकों की मदद से इतने प्रभावित हुए कि अपने शरीर पर शहीद सैनिकों के नाम का टैटू बनवा डाला। पेशे से इंटीरियर डिजाइनर दिल्ली के पंडित अभिषेक गौतम ने कारगिल युद्ध में शहीद 559 जवानों के नाम के टैटू अपने शरीर पर बनवाए हैं। उनके शरीर पर देश के 11 क्रांतिकारियों के साथ इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति का टैटू भी बना है। ऐसा करने वाले अभिषेक देश के इकलौते व्यक्ति हैं। अभिषेक यहां सेक्टर 14 स्थित संतश्री बालक योगेश्वर दास महाराज सैनिक बाबा के शिविर में सेवाकार्य में जुटे हुए हैं।
लद्दाख की घटना के बाद ऐसा करने का आया विचार
शरीर पर शहीदों के नाम के और क्रांतिकारियों के टैटू बनवाने के पीछे भी बेहद रोचक कहानी है। अभिषेक बताते हैं कि जुलाई 2017 में 30 दोस्तों के ग्रुप के साथ बाइक से लद्दाख गए। लद्दाख में दुर्गम पहाड़ी पर बाइक चढ़ाने के दौरान एक मित्र दुर्घटना का शिकार हो गया। वह बाइक समेत खाई में गिर गया। सेना के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद दोस्त और उसकी बाइक को खाई से बाहर निकाला। दुर्घटना में घायल दोस्त का इलाज भी कराया। इस घटना के बाद अभिषेक ने सैनिकों के सम्मान में कुछ अलग करने की ठानी।
कारगिल शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है
उनका कहना है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे सैनिकों की वजह से ही हम चैन की नींद सो रहे हैं। देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों को करीब से देखने के बाद उनके लिए कुछ अलग करने के लिए सोचा। इसके बाद मन में आया कि क्यों न कारगिल के शहीद सैनिकों के नाम शरीर पर गोदवाया जाए, क्योंकि शहीद सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि होती। इसके बाद उन्होंने 26 जुलाई 2018 को शरीर पर शहीद सैनिकों के नाम के टैटू बनवाने शुरू किए। इसमें काफी रकम भी खर्च होनी थी सो इसमें उनकी मदद की दिल्ली के नीरज तिवारी ने।
पीठ पर 559 शहीद सैनिकों के नाम के टैटू
अभिषेक ने 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच अपनी पीठ पर 559 शहीद सैनिकों के नाम के टैटू बनवाए। इसके साथ चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, अब्दुल कलाम आजाद, गुरु गोविंद सिंह के चित्र समेत इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति का चित्र भी गोदवाया है। इसमें प्रतिदिन छह-छह घंटे का वक्त लगता था। अभिषेक ने इस बारे में किसी को नहीं बताया। यहां तक की अपने परिवार और मित्रों तक को इसकी जानकारी नहीं दी। शरीर में नाम गोदवाने के बाद अभिषेक 15 अगस्त 2018 को लद्दाख पहुंचे और वहां सबसे पहले सैनिकों को अपना शरीर दिखाया। अभिषेक बताते हैं, उनके शरीर पर 559 शहीदों के नाम देखकर वहां मौजूद कई सैनिकों की आंखे नम हो गई।
कुंभ में बाबा से मिलने का अवसर मिला
इसी बीच अभिषेक ने सैनिक बाबा के बारे में सुना। अखबारों और न्यूज चैनलों से कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के लिए सैनिक बाबा द्वारा यज्ञ कराने का भी पता चला लेकिन सैनिक बाबा से मिलने का अवसर कुंभ में मिला। अभिषेक 24 जनवरी को यहां सैनिक बाबा से मिलकर लौट गए। इसके बाद शुक्रवार को यहां फिर पहुंचे और शिविर में सेवाकार्य में जुटे हैं।
शहीद सैनिकों के परिजनों से मिलते हैं
अभिषेक के परिवार में कोई भी सेना में नहीं है लेकिन उनके भीतर सैनिकों के लिए बेहद सम्मान है। इसलिए वे शहीद सैनिकों के परिवार के सदस्यों से भी मिलने जाते हैं। अभी तक वह देश के विभिन्न हिस्सों में 80 शहीद जवानों के परिजनों से मिल चुके हैं। इनमें परवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा, महावीर चक्र विजेता कैप्टन अनुज कुमार, कैप्टन मनोज पांडेय, कैप्टन सुमित राय प्रमुख हैं। बोले, शहीद सैनिकों के परिवार के लोगों से मिलकर गर्व होता है। परिवार की चिंता किए बिना से सैनिकों की सुरक्षा के लिए शहीद हो गए।