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छात्रा में मिले स्वाइन फ्लू के लक्षण, सहमे परिजन

छात्रा में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने के बाद परिजन लखनफ एसजीपीजीआइ ले गए। वहां भर्ती नहीं किया गया तो निजी अस्‍पताल में एडमिट कराया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 03:02 PM (IST)
छात्रा में मिले स्वाइन फ्लू के लक्षण, सहमे परिजन
छात्रा में मिले स्वाइन फ्लू के लक्षण, सहमे परिजन

प्रयागराज : गोविंदपुर में रहने वाली इंटरमीडिएट की एक छात्रा में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। उसे डॉक्टरों ने लखनऊ स्थित पीजीआइ रेफर कर दिया, लेकिन वहां उसे भर्ती नहीं किया गया। उसे लखनऊ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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  गोविंदपुर में चचेरी बहन ममता उपाध्याय के साथ रहने वाली संस्कृति उपाध्याय (17) पुत्री राजेश उपाध्याय श्रीनारायण आश्रम बालिका इंटरमीडिएट कालेज में इंटर की पढ़ाई कर रही है। बुधवार को अचानक उसे उल्टी होने लगी। एक डॉक्टर को दिखाने पर उसे फौरी राहत मिल गई, लेकिन गुरुवार सुबह उसकी तबीयत फिर बिगडऩे पर उसे नारायणी आश्रम अस्पताल, शिवकुटी में भर्ती कराया गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने टाइफाइड, पीलिया के साथ गले और लीवर में इंफेक्शन बताया।

 दो-तीन दिन के इलाज के बाद भी आराम न मिलने पर रविवार को उसे सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जांच में स्वाइन फ्लू के प्राथमिक लक्षण मिलने पर उसे पीजीआइ रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस में वेंटिलेटर के सहारे उसे पीजीआइ ले जाया गया, लेकिन वहां उसे भर्ती नहीं किया गया। ममता ने बताया कि लखनऊ में उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण की जानकारी होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में सूचना दी गई, लेकिन डॉक्टरों की टीम नहीं आई।

स्वाइन फ्लू के ये हैं लक्षण

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मनोज माथुर के मुताबिक स्वाइन फ्लू में खांसी, जुकाम और बुखार के अलावा मरीज की सांस फूलने लगती है।

क्या बरतें सावधानी

-मॉस्क लगाना चाहिए।

-साफ-सफाई रखना चाहिए।

-धूल और सार्वजनिक स्थान पर नहीं जाना चाहिए।

-खाने से पहले साबुन से हाथ धुलना चाहिए।

-खांसी आने पर मुंह पर हाथ लगाकर खांसना चाहिए।

बोले सीएमओ

सीएमओ डॉ. गिरिजाशंकर बाजपेई का कहना है कि स्वाइन फ्लू की जांच सिर्फ पीजीआइ में होती है। फिर भी इसके लक्षण किसी में पाए जाते हैं तो जांच करने वाले डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह हमें अवगत कराएं। मरीज के परिजनों ने कार्यालय में कोई सूचना नहीं दी है। 

एसआरएन और काल्विन अस्पताल में स्पेशल वार्ड

स्वाइन फ्लू व डेंगू से पीडि़त मरीजों के लिए एसआरएन और काल्विन अस्पताल में स्पेशल वार्ड बने हैं। हालांकि एसआरएन में इसके लिए बने वार्ड नंबर सात में कुंभ मेले के मद्देनजर जीर्णोद्धार का काम हो रहा है। प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि तीन-चार दिन में काम पूरा हो जाएगा। 


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