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Magh Mela: गंगा किनारे दलदल, दो महीने बाद शुरू हो रहे माघ मेला की बसावट में आएगी बाधा

करीब दो महीने तक बाढ़ का पानी रहा। अब जलस्तर कम हुआ तो गंगा के दोनों किनारों पर दलदल है। किनारे पर बालू कम है। इस दलदल के कारण आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। संगम तक लोग गाड़ी से नहीं पहुंच पा रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 12:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 12:47 PM (IST)
Magh Mela: गंगा किनारे दलदल, दो महीने बाद शुरू हो रहे माघ मेला की बसावट में आएगी बाधा
गंगा के झूंसी की तरफ बड़े क्षेत्र में दलदल है, सुखाने के लिए करनी पड़ेगी मशक्कत

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। गंगा और यमुना से बाढ़ का पानी कम हुआ लेकिन वह बड़े पैमाने पर दलदल छोड़ गई। खासकर झूंसी की तरफ दलदल ज्यादा है। इस बार की बाढ़ अपने साथ बड़े पैमाने पर मिट्टी बहाकर लाई थी। इसलिए बाढ़ का पानी जाने पर यहां दलदल की स्थिति हो गई है। इस दलदल के चलते माघ मेला बसावट में बाधा आएगी। इसे सुखाने के लिए मेला प्रशासन को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी।

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अब जलस्तर कम तो गंगा के दोनों किनारों पर दलदल

इस बार गंगा और यमुना का जलस्तर जुलाई से ही बढ़ने लगा था। अगस्त में दोनों नदियां उफान पर थी। दोनों नदियां उस दौरान खतरे के निशान को पार कर गई थीं। यमुना में राजस्थान और मध्य प्रदेश से पानी आया था। बाढ़ के पानी को कम होते-होते समय लगा। करीब दो महीने तक बाढ़ का पानी रहा। अब जलस्तर कम हुआ तो गंगा के दोनों किनारों पर दलदल है। किनारे पर बालू कम है। इस दलदल के कारण आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। संगम तक लोग गाड़ी से नहीं पहुंच पा रहे हैं। रोजाना कइयों के वाहन इमसें फंस रहे हैं। लोग दलदल होकर संगम स्नान को जा रहे है। वहीं माघ मेला 2022 की तैयारी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मेला लगाने से पहले नदी किनारे का दलदल सुखाना पड़ेगा। पिछले दिनों मेला प्रशासन की टीम ने मेला क्षेत्र का मुआयना भी किया। इस दौरान पाया कि झूंसी की तरफ सेक्टर तीन और चार में दलदल ज्यादा है। इधर कई संतों को बसाया जाता है। मेला बसाने के पहले इसे ठीक करना पड़ेगा। वहां पर रेत लाकर डालना होगा। 2019 में भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे। तब रात दिन श्रमिक लगाकर दलदल सुखाने का काम किया गया था।

छठ पूजा के लिए शुरू की तैयारी

दीपावली के बाद छह पूजा पर संगम किनारे भव्य आयोजन होता था। इसी दौरान देव दीपावली का भी आयोजन होगा। इन त्योहारों के लिए मेला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वहां पर ट्रैक्टर लगाकर समतलीकरण का काम किया जा रहा है।

डीएम ने किया अक्षय वट का दर्शन

डीएम संजय कुमार खत्री ने गुरुवार को अक्षय वट के दर्शन किए। बाढ़ का पानी जाने के बाद अक्षय वट के रास्ते की सफाई कर दी गई है। रास्ते को सजा दिया गया है। इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। डीएम ने बताया कि मेला की तैयारी शुरू करा दी गई है। सभी संबंधित विभागों से कार्ययोजना मांगी गई है। कुछ अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण भी किया है। इस बार मेले का आयोजन भव्य होगा।


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