Move to Jagran APP

माघ मेला में स्वामी विवेकानंद को मिला था 'वैदिक दर्शन

स्वामी विवेकानंद का प्रयाग आगमन केवल आध्यात्मिक साधना का एक अवसर माना जाता रहा है लेकिन इस प्रवास का मुख्य कारक उन्होंने अपनी आत्मकथा में स्पष्ट किया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 11:45 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 11:49 AM (IST)
माघ मेला में स्वामी विवेकानंद को मिला था 'वैदिक दर्शन
माघ मेला में स्वामी विवेकानंद को मिला था 'वैदिक दर्शन

इलाहाबाद [विमल पांडेय]। विश्व भर के युवाओं के पथ प्रदर्शक और पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की पताका फहराने वाले स्वामी विवेकानंद का प्रयाग से गहरा नाता रहा है। उन्होंने माघ मेला के दौरान संगम की रेती पर न केवल गहरी साधना की थी बल्कि वैदिक दर्शक की प्राप्ति भी उन्हें यहीं से हुई थी। 

loksabha election banner

इलाहाबाद प्रवास के दौरान ही रामकृष्ण मठ की स्थापना को लेकर उन्होंने सपना देखा था, जिसे बाद में उनके गुरु भाई ने साकार किया था।  यूं तो स्वामी विवेकानंद का प्रयाग आगमन केवल आध्यात्मिक साधना का एक अवसर माना जाता रहा है लेकिन इस प्रवास का मुख्य कारक उन्होंने अपनी आत्मकथा में स्पष्ट किया था। 31 दिसंबर 1889 को स्वामी अपने बीमार गुरु भाई स्वामी योगानंद को देखने आए थे। 

प्रयाग की माटी ने उनका मन इस कदर मोहा कि उन्होंने तब चल रहे माघ मेला का पूरा लाभ उठाया। ध्यान और साधना के लिए उन्होंने संगम की रेती को चुना था। उन्होंने प्रयाग में ही सनातन धर्म और परंपरा का अध्ययन संतों के सानिध्य में रहकर किया था।

वैदिक दर्शन की खोज और प्राप्ति के बाद उन्होंने यहां के युवाओं को खासकर प्रेरित किया था। यहां के धर्म और अध्यात्म की छाप विवेकानंद पर ऐसे पड़ी कि उन्होंने यहीं से रामकृष्ण मिशन की विचारधारा का प्रचार-प्रसार शुरू किया था। बाद में रामकृष्ण मिशन के पांच केंद्रों की जब स्थापना की गई तो उसमें एक इलाहाबाद भी रहा है। 

उनके गुरु भाई स्वामी योगानंद ने सन् 1910 में शहर के मुट्ठीगंज मुहल्ले में आर्यकन्या इंटर और डिग्री कालेज के पास मुख्य मार्ग पर रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम की स्थापना की थी। यह केंद्र आज भी स्वामी विवेकानंद के विचारों को जन- जन तक पहुंचाने में सार्थक भूमिका का निर्वाह कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.