Swami Chinmayanand Case : एसआइटी से हाई कोर्ट ने मांगी प्रगति रिपोर्ट
चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एसआइटी को 23 सितंबर को शपथ पत्र के माध्यम से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की गठित खंडपीठ ने जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) को 23 सितंबर को शपथ पत्र के माध्यम से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश की प्रति सीजेएम के माध्यम से पीड़िता के परिवारीजन को भेजने का भी निर्देश दिया है, जिससे वह अदालत में अपनी सुरक्षा व विवेचना के संदर्भ में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करके अपना पक्ष रख सकें।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र व न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट के दो सितंबर को दिए गए आदेश के पालन में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने खंडपीठ गठित की है। शाहजहांपुर की एलएलएम की एक छात्रा के गायब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 'इन रि मिसिंग ऑफ एन एलएलएम स्टूडेंट ऑफ स्वामी शुकदेवानंद लॉ कॉलेज फ्रॉम शाहजहांपुर' की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में पीठ गठित करके विवेचना का पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता व परिवारीजन का कैमरा प्रोसिडिंग के तहत बयान लिया था। पीड़िता ने उपरोक्त संस्थान व प्रबंधन के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही परिवारीजन की सुरक्षा पर आशंका भी व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव ने प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी थी।
यह है मामला...
स्वामी चिन्मयानंद के संस्थान एसएस लॉ कालेज शाहजहांपुर में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को फेसबुक एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। विडियो पोस्ट कर उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पीड़िता समेत कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। उसने यह भी दावा किया कि उसके पास इसके सुबूत हैं। यह विडियो पोस्ट करने के बाद छात्रा गायब हो गई थी, जो कि बाद में राजस्थान में मिली थी।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लड़की को कोर्ट में पेश किया गया था। इससे पहले शाहजहांपुर पुलिस ने 25 अगस्त को चिन्मयानंद के कानूनी सलाहकार ओम सिंह की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जबरन वसूली और सूचना तकनीक ऐक्ट के तहत एफआएआर दर्ज कराई थी। इसके बाद इस केस में छात्रा के पिता की तहरीर पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी मुकदमा दर्ज किया गया था।