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संविधान से निकलेगा अयोध्या में राममंदिर का रास्ता : स्वामी चिदानंद

प्रयागराज से प्रस्थान के समय अरैल स्थित शिविर में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष ने राम मंदिर पर उम्मीद जताई। कहा कि अयोध्‍या में राम मंदिर का हल संविधान से निकलेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 02:15 PM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 02:15 PM (IST)
संविधान से निकलेगा अयोध्या में राममंदिर का रास्ता : स्वामी चिदानंद
संविधान से निकलेगा अयोध्या में राममंदिर का रास्ता : स्वामी चिदानंद

प्रयागराज : परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने उम्मीद जताई है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण का रास्ता संविधान से प्रशस्त होगा। मेला क्षेत्र से प्रस्थान करते समय अपने भक्तों के बीच उन्होंने कहा कि जन्म स्थान, जन्म स्थान होता है, उसे बदला नहीं जा सकता।

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 स्वामी जी ने कहा कि अब 26 फरवरी को श्रीराम मंदिर के विषय में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि इस बार कुछ ऐसा निर्णय आएगा कि वह पूरे देश के लिए एक दिशा बनेगा। उन्होंने अयोध्या में राममंदिर को करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल बताते हुए कहा कि प्राथमिकता से इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए ताकि दिव्य कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो सके।

...तो आस्थावान लोगों का धैर्य बना रहेगा

उन्होंने कहा कि जहां तक विवादित स्थान की बात है, उसमें थोड़ा समय लग भी सकता है, पर जो अविवादित स्थान है उस पर निर्णय आ जाता है, तो वह भी संतोष का विषय होगा। आस्थावान लोगों का धैर्य बना रहेगा। स्वामी जी का कहना था कि वेदों में अयोध्या को देवों की भूमि बताया गया है। इस पवित्र नगरी में शताब्दी तक सूर्यवंशी राजाओं का राज्य रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्म भूमि है। इस नगर में अब भी प्राचीन अवशेष है।

कहा, दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ ने दिव्य भारत का दर्शन कराया

परमाध्यक्ष ने कहा कि दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ ने दिव्य भारत का दर्शन कराया है। अगर एक छोटे से शहर में इतना भव्य समागम हो सकता है, तो अयोध्या में तो केवल पांच लाख लोगों का ही निवास है। अब दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ से अब दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या का संकल्प हो। समय की आवश्यकता है कि हम अपने धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक और  ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण करें। यही भारत की पूंजी है। प्रस्थान से पूर्व स्वामी जी ने शिविर में दर्शन, यज्ञ और पूजन करने आये श्रद्धालुओं को जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। विश्व शांति यज्ञ में प्रकृति, पर्यावरण और प्राणियों की रक्षा की प्रार्थना करते हुए पूर्णाहुति दी। जिंदल परिवार के सदस्य, अंबुजा सीमेंट, हर्षवद्र्धन नेवतिया एवं नेवतिया परिवार के सदस्यों ने वॉटर ब्लेसिंग सेरेमनी संपन्न की।

स्वामी चिदानंद ने अधिकारियों का किया सम्मान

परमार्थ निकेतन शिविर अरैल में सुरक्षित, व्यवस्थित और अनुशासित रूप से कुंभ मेला संपन्न कराने में विशेष भूमिका निभाने वाले अधिकारियों, निषादराज, स्वच्छताग्राही, देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया गया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने सभी को धन्यवाद दिया। कहा कि संगम में स्नान और कल्पवास कर श्रद्धालु अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैैं। हिमालय से आए ऋषि-मुनि अपनी गुफाओं और आश्रम की ओर जाने लगे हैैं। इसके बाद भी संगम की अलौकिकता अद्भुत है।

बोले, अभी भी कुंभ में एक दिव्य ऊर्जा विद्यमान है

अभी भी कुंभ में एक दिव्य ऊर्जा विद्यमान है। आज हमारे बीच वह विभूतियां विद्यमान है, जिन्होंने अपनी ऊर्जा से इस मेले को ऊर्जावान बनाए रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी उन्होंने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डीजीपी ओम प्रकाश शर्मा, एडीजी एसएन साबत, एसएसपी मोहित अग्रवाल, समेत तमाम विभाग के अधिकारियों से स्वामी चिदानंद सरस्वती ने विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कराया।


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