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Kumbha Mela में पीएम से सम्मानित स्वच्छाग्रही को नौकरी से निकाला Prayagraj News

काम छिन जाने से परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दावा तो यह है कि सिर्फ शीतल ही नहीं प्रधानमंत्री द्वारा सम्मनित कुछ अन्य स्वच्छाग्रहियों को भी काम से हटाया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 04:10 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 04:13 PM (IST)
Kumbha Mela में पीएम से सम्मानित स्वच्छाग्रही को नौकरी से निकाला Prayagraj News
Kumbha Mela में पीएम से सम्मानित स्वच्छाग्रही को नौकरी से निकाला Prayagraj News

प्रयागराज, [ रवि उपाध्याय ]। कुंभ- 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतल नामक जिस महिला स्वच्छाग्रही को प्रमाणपत्र और थाली देकर सम्मानित किया था, उसे मेला प्राधिकरण प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया है। उसके पति सहजीत को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि संबंधित अधिकारी का कहना है कि उसे हटाया नहीं गया है, वह आ ही नहीं रही है जबकि शीतल का आरोप है कि प्राधिकरण के कुछ अफसर मिलीभगत कर पुराने सफाई कर्मियों को निकाल कर अपने लोगों को रख रहे हैं। उससे काम नहीं लिया जा रहा है।

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एक बार पहले भी निकाला गया था

शीतल ने दैनिक जागरण को बताया कि कुंभ मेला खत्म होने के बाद ही उसे काम से हटा दिया गया था। वह करीब 10-15 दिनों तक खाली बैठी थी। इसके बाद तत्कालीन कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के हस्तक्षेप से उसे दोबारा काम पर रखा गया।

मेला स्‍वाथ्‍य विभाग के प्रभारी रखते हैं दुर्भावना

शीतल का आरोप है कि मेला स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉ. पीके त्यागी, सफाई निरीक्षक विनोद कुमार और कुछ अन्य लोग उससे दुर्भावना रखने लगे। उससे कठिन काम लिए जाने लगे। उसके पति सहजीत को भी परेशान किया जाने लगा। सहजीत बतौर मेठ काम करता था। काम छिन जाने से परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दावा तो यह है कि सिर्फ शीतल ही नहीं, प्रधानमंत्री द्वारा सम्मनित कुछ अन्य स्वच्छाग्रहियों को भी काम से हटाया गया है। बकौल शीतल, तमाम दिक्कतों के बावजूद हम अपने तीन बच्चों को पालने के लिए काम करते रहे, लेकिन हमें फिर निकाल दिया गया। शीतल कहती है कि मार्च की शुरुआत में उसके रिश्तेदार की मौत हो गई, इसलिए उसे अचानक जाना पड़ा। जब वह 15 दिन बाद लौट कर आई तो उसे काम पर नहीं रखा गया। पति को भी हटा दिया गया। शीतल ने कहा, जब प्रधानमंत्री ने सम्मानित किया था, तब बहुत खुशी हुई थी पर अब तो खाने के भी लाले पड़ गए हैं।

पीएम-सीएम को चिट्ठी लिख मांगा रोजगार

शीतल ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री समेत प्रशासन के अफसरों को पत्र लिख रोजगार देने की गुहार लगाई है। उसने कहा है कि 2018 में उसकी नियुक्ति कुंभ मेले के लिए की गई थी। उसने पूरी निष्ठा से काम किया। उसके काम को देखते हुए उसका नाम 25 फरवरी 2019 को पीएम के हाथों सम्मानित होने वाले 10 सफाई कर्मियों की सूची में शामिल किया गया। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने भी आश्वस्त किया था कि नौकरी नहीं जाएगी, लेकिन अब अफसर सुन नहीं रहे हैं।

अफसर बोले

स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. पीके त्यागी शीतल को काम से नहीं निकाला गया है। वह काम ही नहीं करना चाहती है। उसने बिना बताए छुट्टी ली और तीन महीने बाद काम पर लौटी। उसके ऐसे व्यवहार से दूसरे कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ता है। मेला अधिकारी प्रयागराज रजनीश मिश्रा का कहना है कि मेरी जानकारी में यह मामला नहीं है। शीतल मेरे पास शिकायत लेकर आती तो जरूर उसकी मदद की जाती।

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