Coronavirus का संदिग्ध मरीज था, उसे एसआरएन अस्पताल के टीबी वार्ड में कर दिया भर्ती Prayagraj News
कोरोना वायरस के संदिग्ध युवक को एसआरएन अस्पताल के टीबी वार्ड में डॉक्टर ने भर्ती करा दिया। पता चलने पर उसके इलाज में लगे दो डॉक्टर व तीन नर्सों को भी आइसोलेट कर दिया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में डॉक्टरों ने जिस व्यक्ति को टीबी का मरीज बताते हुए टीबी वार्ड में भर्ती कराया, वह तो कोरोना वायरस का संदिग्ध निकला। इसकी जानकारी डॉक्टर व अधिकारियों को हुई तो अस्पताल में खलबली मच गई। अब मरीज के साथ उसका इलाज करने वाले दो डॉक्टर और तीन नर्सों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। संदिग्ध का सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया है।
युवक मुंबई के एक होटल में काम करता है
जिले के कोरांव का रहने वाला 20 वर्षीय एक युवक मुंबई के एक होटल में काम करता है। वह पिछले सप्ताह मुंबई से अपने घर आया। मंगलवार को उसे सांस लेने में तकलीफ हुई तो वह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के कोरोना ओपीडी में पहुंचा। ओपीडी में मौजूद डॉक्टर ने एक्स-रे कराया। फिर टीबी का मरीज बताते हुए उसे दवा दी गई। युवक अपने घर लौट गया। जब उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हुई तो वह फिर अस्पताल के कोरोना ओपीडी में पहुंचा। डॉक्टर ने गंभीर हालत देख उसे 17 नंबर के टीबी वार्ड में भर्ती करा दिया।
लक्षण देखने पर डॉक्टरों को वह कोरोना वायरस का संदिग्ध लगा
वार्ड 17 में तैनात डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लगाते हुए उसे इंजेक्शन दिया। लक्षण देखने पर डॉक्टरों को यह अंदेशा हुआ कि वह कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज है। इसकी सूचना टीबी रोग के वरिष्ठ चिकित्सक को दी गई, वह भी मौके पर आए तो उन्होंने भी कोरोना का संदिग्ध बताया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। इससे अस्पताल में खलबली मच गई। आनन-फानन में उस मरीज को आइसोलेशन वार्ड में ले जाकर भर्ती किया गया।
दो डॉक्टरों और तीन नर्स भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
उसका इलाज करने वाले दो डॉक्टरों और तीन नर्सों को भी अलग-अलग आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। इसकी जानकारी होने पर टीबी वार्ड में भर्ती अन्य मरीज भी भयभीत हो गए हैं। संदिग्ध मरीज के परिवार और अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा रहा है, जिनके संपर्क में वह संदिग्ध आया था। इस संबंध में अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे।
पांच साल की उम्र में हुई थी टीबी
संदिग्ध मरीज से पूछताछ करने पर पता चला कि वह जब पांच साल का था तो उसे टीबी की बीमारी हुई थी। दवा से वह ठीक भी हो गया था। डॉक्टरों ने यदि गंभीरता से उसकी जांच की होती तो इस तरह की लापरवाही न होती। इस लापरवाही से अस्पताल की नर्सों में भी आक्रोश है।
बोले कोरोना वायरस के नोडल अधिकारी
कोरोना वायरस के नोडल अधिकारी डॉ. गणेश प्रसाद का कहना है कि एसआरएन अस्पताल में एक संदिग्ध मरीज को भर्ती किया गया है। उसका सैंपल लखनऊ के केजीएमयू के लैब में भेजा गया है। उसके संपर्क में आने वाले स्टाफ भी आइसोलेट किए गए हैं।