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प्रयागराज से जेम, जेली, अचार की आपूर्ति पर किसान आंदोलन की मार, खानपान की अन्य सामग्रियांं होने लगीं महंगी

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण इनकी आपूर्ति पर काफी असर पड़ा है। उद्यमियों को अपने माल की आपूर्ति दूसरे रास्तों से करने में करीब 25 से 30 फीसद ज्यादा माल भाड़ा देना पड़ रहा है। इससे उन्हें नुकसान भी हो रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:00 AM (IST)
प्रयागराज से जेम, जेली, अचार की आपूर्ति पर किसान आंदोलन की मार, खानपान की अन्य सामग्रियांं होने लगीं महंगी
मशीनरी, आटो पार्ट्स, खानपान की सामग्रियों और गर्म कपड़े के आवक में भी गिरावट हुई है।

प्रयागराज, राजकुमार श्रीवास्तव। लंबे खिंचते किसान आंदोलन का असर तमाम सामग्रियों की आपूर्ति पर भी अब पडऩे लगा है। संगमनगरी से दिल्ली, पंजाब और हरियाणा राज्यों को आपूर्ति होने वाली जेम, जेली, सॉस, अचार, सेबिया अमरूद, सिलिका सैंड और धान पर भी इसकी मार पड़ी है। इन राज्यों से यहां आने वाली मशीनरी, आटो पार्ट्स, खानपान की सामग्रियों और गर्म कपड़े के आवक में भी गिरावट हुई है। इससे रेट भी करीब पांच से 10 फीसद तक बढ़ गए हैं। 

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25 से 30 फीसद ज्यादा माल भाड़ा 

संगमनगरी खाद्य प्रसंस्करण और सिलिका सैंड के उत्पादन के लिहाज से बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां की इकाइयों में बनने वाली जेम, जेली, अचार की आपूर्ति दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा तक होती है। सिलिका सैंड और धान की सप्लाई भी दिल्ली में होती है। लेकिन, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण इनकी आपूर्ति पर काफी असर पड़ा है। उद्यमियों को अपने माल की आपूर्ति दूसरे रास्तों से करने में करीब 25 से 30 फीसद ज्यादा माल भाड़ा देना पड़ रहा है। इससे उन्हें नुकसान भी हो रहा है, क्योंकि ग्राहक अतिरिक्त माल भाड़ा देने को तैयार नहीं हैं। ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनय टंडन का कहना है कि अचार, सॉस, जेम, जेली की आपूर्ति में दिक्कत आ रही है। माल भाड़ा ज्यादा देना पड़ रहा है। 

आसपास के राज्यों के लिए दिल्ली फीडर मार्केट 

कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि आसपास के राज्यों के लिए दिल्ली फीडर मार्केट है। जो व्यापारी कंपनियों से सीधे माल नहीं ले पाते हैं, वह वहीं से मंगाते हैं। लेकिन, आंदोलन के कारण गुडग़ांव से फूड के आइटम, पंजाब व हरियाणा से छोटी मशीनें और पाट्र्स, पेपर, डेकोरेशन के आइटम नहीं आ पा रहे हैं। इलाहाबाद गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुशवाहा का कहना है कि दिल्ली, पंजाब व्यवसाय का बड़ा हब है। कंबल, गर्म कपड़े समेत कई चीजें नहीं आ पा रही हैं। यहां से सिलिका सैंड की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे ग्लास बनते हैं।  

बाजार में आटो पार्ट्स की कमी

सिविल लाइंस व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील खरबंदा का कहना है कि आटो पार्ट्स के फिनिशिंग गुड्स चाइना से आते थे। वहां से सप्लाई बाधित होने से पहले से सामानों की कमी थी। अब पंजाब, हरियाणा से दिल्ली के रास्ते जो सामान आ रहे थे, वह किसान आंदोलन से बंद हो गए हैं। इससे सामानों की कमी हो गई है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि पंजाब व हरियाणा से आने वाले राजमा, मूंग और उड़द की दाल की आवक थम गई है। 


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