Kumbh Mela 2019 : सकारात्मक ऊर्जा का सागर है कुंभ मेला : सुभाष घई
फिल्मकार सुभाष घई को भी कुंभ की अध्यात्मिकता भा गई है। सीएम योगी के आमंत्रण पर वह पत्नी समेत यहां आए। कहा कि कुंभ सकारात्मक ऊर्जा का सागर है। उनकी टीम कुंभ पर फिल्म बना रही है।
कुंभनगर : जाने-माने फिल्मकार सुभाष घई की नजर में कुंभ सकारात्मक ऊर्जा का सागर है। उन्होंने कहा कि कुंभ पर अध्ययन के दौरान उन्हें पता चला कि सूर्य, चंद्र और वृहस्पति नक्षत्र के एक साथ आने पर नदियों में एक विशेष तरह की सकारात्मक ऊर्जा संचारित होती है। यह 52-54 दिनों तक बनी रहती है। नदियों के इस विद्युतीय प्रवाह में स्नान, डुबकी मात्र से हमारे शरीर की नकारात्मक ऊर्जा का क्षरण होता है, वह नष्ट होती है।
सुभाष घई अध्यात्म की गंगा में डुबकी लगाने के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में आए। उन्होंने कहा कि आज का समाज जो संवेदनहीन, असहिष्णु होता जा रहा है। घृणा और टकराव आम हो गए हैं, ऐसे में इस सकारात्मक ऊर्जा के सागर में बस एक डुबकी इन विसंगतियों से पार पाने में सक्षम है। शायद अध्यात्मक पक्ष को आगे रखकर चलने वाले इन खामियों को दूर करने को ही पाप धोना कहते हैं।
सुभाष घई की टीम कुंभ पर बना रही है फिल्म
यह कुंभ आस्था और अध्यात्म के साथ ज्ञान का कुंभ भी साबित हो रहा है। इसमें भारतीय संस्कृति, सनातनी पंरपरा को पढऩे-समझने के लिए देश-विदेश से छात्र-ज्ञानी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ज्ञान के इसी अथाह सागर से मोती चुनकर उनका मनका गूथने में सुभाष घई की टीम जुटी हुई है। कुंभ के हर रंग को शूट किया जा रहा है।
360 डिग्री पर हो रही शूटिंग
शूटिंग वर्चुअल मोबिलिटी टेक्नोलॉजी यानी 360 डिग्री पर की जा रही है। इसके महात्म्य को समझकर स्क्रिप्ट तैयार हो रही है ताकि कुंभ पर एक फिल्म तैयार हो सके, जो इसके अध्यात्मिक के साथ ही वैज्ञानिक पहलू को भी देश-दुनिया के सामने रखे। सुभाष घई का मानना है कि छह महीने में यह फिल्म रिलीज कर दी जाएगी और इसे देश-विदेश के हर प्रमुख लाइब्रेरी को भेजी जाएगी। यानी कुंभ के अध्यात्म-ज्ञान की कथाएं, विवरण विश्व ज्ञान को और समृद्ध करेंगी। कुंभ के पहले दिन से सुभाष के विसलिंग वुड्स फिल्म स्कूल के 21 सदस्य लगातार शूटिंग में व्यस्त हैं।
युवाओं को अध्ययन करना चाहिए
योगी आदित्यनाथ के बुलावे पर अपनी पत्नी मुक्ता के साथ पहली बार संगम पहुंचे सुभाष घई इस कुंभ में युवाओं की भागीदारी को भी बड़ी बारीकी से देखते हैं। कहते हैं कि तमाम रिपोर्ट से पता चला है कि इस बार अन्य कुंभ आयोजनों से कई गुना ज्यादा युवा आए हैं। वे कहते हैं, युवा यहां अध्ययन करें और विचारों का कुंभ लेकर लौटें। उन्होंने यह भी विश्वास है कि शिक्षित समाज की बढ़ी भागीदारी कुंभ को नया आयाम देगी।