Move to Jagran APP

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास खाली कराने के विरोध में हैं छात्र, कर रहे आंदोलन

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के हॉस्टलों को कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से तत्काल प्रभाव से खाली करने का निर्देश दिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 03:37 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:17 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास खाली कराने के विरोध में हैं छात्र, कर रहे आंदोलन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास खाली कराने के विरोध में हैं छात्र, कर रहे आंदोलन

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के छात्रों ने हॉस्‍टल खाली कराने के फैसले का विरोध किया है। इविवि प्रशासन के इस फैलसे से नाराज छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन और नारेबाजी की। वहीं छात्रों के गुस्‍से को देखते हुए परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात है। चीफ प्रॉक्‍टर आरके उपाध्‍याय ने बताया कि इविवि प्रशासन अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा। इविवि प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह फैसला किया है।

loksabha election banner

कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की आशंका से खाली कराया जा रहा छात्रावास

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के हॉस्टलों को कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से तत्काल प्रभाव से खाली करने का निर्देश दिया गया है। यदि अंत:वासी खुद से हॉस्टल नहीं खाली करते हैं तो इविवि प्रशासन पुलिस फोर्स के साथ हॉस्टल खाली कराएगा।  दरअसल, कोरोना वायरस का संक्रमण बढऩे पर इविवि प्रशासन ने 28 अप्रैल को सभी हॉस्टलों को खाली करने का निर्देश दिया था। इसके बाद बड़ी संख्या में अंत:वासी चले भी गए। इधर करीब 10-15 दिन से फिर से हॉस्टलों में छात्रों ने लौटना शुरू कर दिया था। डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह ने बताया कि एएन झा हॉस्टल में 30 अंत:वासी थे अब यह संख्या 87 हो गई।  जीएन झा में 20 से बढ़कर छात्रों की संख्या 40 हो गई। ट्रस्ट और इविवि के सभी 15 हॉस्टलों में इस वक्त करीब 200 छात्र-छात्राएं हैं। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा मंडराने लगा।

खुद से खाली नहीं किया तो पुलिस बल के साथ खाली कराया जाएगा हॉस्‍टल

ऐसे में चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय और डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह की ओर से सभी हॉस्टलों के अधीक्षकों को नोटिफिकेशन जारी कर हॉस्टलों को खाली कराने को कहा गया। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन से भी इस संदर्भ में वार्ता हुई है। यदि हॉस्टल नहीं खाली होते हैं तो फोर्स के साथ कराया जाएगा। वहीं, इस पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फैसले का विरोध किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.