कुलपति के इस्तीफे की भनक लगते ही छात्रों में खुशी Prayagraj News
महिला अस्मिता पर हमला करने वाले मुंह की खाते रहे हैं। यह संदेश है कि जो समाज अपनी महिलाओं का आदर नहीं करता वह भी नष्ट हो जाता है।
प्रयागराज,जेएनएन । इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू समेत इविवि के पांच प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पद से इस्तीफे की भनक लगते ही कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल रहा। सबसे ज्यादा खुशी तो आंदोलनरत छात्र-छात्राओं में रही। वहीं, कुछ शिक्षकों में गम का माहौल रहा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 14 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलने पहुंचा। उन लोगों ने कुलपति के इस्तीफे की मांग की। प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन दिलाया था। इसी बीच कुलपति ने इस्तीफा दे दिया। प्रतिनिधिमंडल में रजनीश सिंह रिशु, विक्रांत सिंह, आनंद सिंह निक्कू और विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री रजनीश मौजूद थे।
20 दिन से आंदोलनरत थीं छात्राएं
इसके अलावा लगातार 20 दिन से अनशनरत छात्राएं भी आंदोलन को सफलता मिलने पर गदगद हो गईं। ऋचा ने कहा असत्य पर सत्य की जीत कोई नई बात नहीं है। महिला अस्मिता पर हमला करने वाले मुंह की खाते रहे हैं। यह संदेश है कि जो समाज अपनी महिलाओं का आदर नहीं करता वह भी नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा अभी तो जंग शुरू हुई है। अभी जो अव्यवस्था फैली है, उसमें सुधार बाकी है। उन्होंने निलंबित और निष्कासित किए गए छात्रों पर की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग की।
कुलपति के इस्तीफे के बाद छात्रों ने मनाया जश्न
पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र ने कहा कुलपति का इस्तीफा देना संतोषजनक है। लेकिन यहां का आम छात्र और ख़ुश होता कि कुलपति को मंत्रालय बर्खास्त करता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की गरिमा के लिए संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। वहीं शिक्षकों में गम का माहौल है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में नियुक्तियां खुलते ही विश्वविद्यालय और कुलपति विरोधी गुट के प्रभाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. मुरली मनोहर जोशी ने भी मंत्रालय पर कुलपति से इस्तीफा लेने का दबाव बनाया था। शिक्षकों का कहना है पिछले चार वर्षों में जिस व्यक्ति ने इतने ऐतिहासिक निर्णय लिए और विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के लिए जो कार्य किए हैं उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षकों ने सभी महाविद्यालयों को इस्तीफे के विरोध में बंद करने की अपील की है। वहीं, इस संदर्भ में आक्टा की आमसभा सीएमपी महाविद्यालय में बुलाई गई है। उनका कहना है हम अपना विरोध मंत्रालय और सरकार तक जोरदार तरीके से रखे।