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इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है छात्र परिषद पोल Prayagraj News

एक ओर इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने दशहरा बाद छात्र परिषद चुनाव कराने का मन बना लिया है वहीं छात्रसंघ को बहाल करने की मांग पर संयुक्‍त संघर्ष समिति अड़ी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 10:10 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 10:10 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है छात्र परिषद पोल Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है छात्र परिषद पोल Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने दशहरा बाद छात्र परिषद चुनाव कराने की रणनीति बनाई है। वहीं, छात्रसंघ बहाली के समर्थन में आंदोलनरत छात्रों ने दशहरा बाद उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में छात्र परिषद चुनाव शांतिपूर्वक कराना इविवि प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

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छात्रसंघ बैन करने के बाद से छात्र कर रहे हैं आंदोलन

दरअसल, 29 जून को इविवि की कार्य परिषद की बैठक में छात्रसंघ बैन कर दिया गया था। इसके बाद से छात्रों का आंदोलन चल रहा है। इस लड़ाई में छात्रसंघ के निवर्तमान पदाधिकारियों के साथ पूर्व पदाधिकारी भी कूद चुके हैं। आंदोलन तेज होता देख इविवि प्रशासन के तेवर भी नरम हो चुके हैं। 

बोले पोल अधिकारी, जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है

चुनाव अधिकारी प्रो. आरके सिंह के मुताबिक दशहरा बाद चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। वहीं, संयुक्त संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक अतेंद्र सिंह का कहना है कि इविवि में किसी भी कीमत पर छात्र परिषद चुनाव नहीं होने देंगे। इविवि में छात्रसंघ बहाल कराकर ही दम लेंगे। इसके लिए सड़क से संसद तक आंदोलन करेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मिलकर उन्हें इविवि के हालात के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

इविवि प्रशासन अपने कारनामे दबाने को छात्र परिषद चुनाव कर रही : वीसी दुबे

छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे का कहना है कि इविवि प्रशासन अपने काले कारनामे को दबाने के लिए छात्र परिषद चुनाव कर रही है। हालांकि, इसे नाकाम कराने के लिए पूर्व पदाधिकारियों के अलावा पुरा छात्रों के साथ मिलकर जनआंदोलन किया जाएगा। पूर्व अध्यक्ष कृष्णमूर्ति यादव का कहना है कि छात्र परिषद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोकतंत्र को तोड़ मरोड़कर अपनी मुट्ठी में कैद करने का यह परिचायक है।


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