Coronavirus से मृत लोगों को दफना रहा प्रयागराज में प्रतियोगी छात्र, पिता रहते हैं साथ, पहनते हैैं पीपीई किट
कहीं से खबर मिलते ही पहुंच जाते हैैं मृतक के घर सप्ताह भर पहले अमजत ने वाट्सएप ग्रुप बनाया ऐसे लोगों के लिए जो अपनों के सुपर्द-ए-खाक में दिक्कत महसूस करते हैैं। इस पर मांगी मदद के बाद पिता पुत्र अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों की मदद कर चुके हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। महामारी ऐसे दौर में जब लोग एक दूसरे से मिलने जुलने से घबरा रहे हैं जो कि इससे बचाव का सही तरीका भी है, कोई बीमार हो तो आसपास के लोग उसके पास जाने से भी हिचकते हैं, उस हालात में कोरोना वायरस के इंफेक्शन से मृत लोगों के शवों को अपने ही छूने से घबरा रहे हैैं, ऐसे सूरते हाल में दरियाबाद निवासी प्रतियोगी छात्र अमजत और उनके पिता अब्बास पाशा कफन दफन में जिस तरह आगे आ रहे हैैं, वह सेवा भावना की मिसाल ही कहा जा सकता है।
कहीं से खबर मिलते ही पहुंच जाते हैैं मृतक के घर
सप्ताह भर पहले अमजत ने वाट्सएप ग्रुप बनाया ऐसे लोगों के लिए जो अपनों के सुपर्द-ए-खाक में दिक्कत महसूस करते हैैं। इस पर मांगी गई मदद के बाद पिता पुत्र अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों की मदद कर चुके हैं। दोनों पीपीई किट पहनकर पीडि़त के घर पहुंचते हैैं। शवों को कब्रिस्तान तक पहुंचाने और दफनाने की इस पहल में मुतावल्ली शाहरुख काजी व मस्जिद गदा हुसैन दरियाबाद के नायब मुतावल्ली शाहरुख हुसैनी उनके मददगार रहते हैैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शवों को दफनाया जाता है।
बरतते हैैं पूरा एहतियात
बकौल अजमत ने शव को घर से लेकर दफनाने तक पीपीई किट पहने रहते हैं। घर लौटने के बाद सैनिटाइज होकर स्नान करते हैं। मदर टेरेसा फाउंडेशन के महानगर चेयरमैन सैयद मोहम्मद अस्करी कहते हैैं कि संक्रमण के दौर में अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों के लिए मददगार बने सभी लोगों को कोरोना वारियर्स अवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा।