इविवि में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बनाई रणनीति
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार देर शाम जिला और पुलिस प्रशासन के साथ इविवि प्रशासन ने बैठक की। इस दौरान इविवि के वर्तमान हालात के बारे में जानकारी साझा की गई।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार देर शाम जिला और पुलिस प्रशासन के साथ इविवि प्रशासन ने बैठक की। इस दौरान इविवि के वर्तमान हालात के बारे में जानकारी साझा की गई। साथ ही तमाम हॉस्टलों के बाहर अतिक्रमण हटाने को लेकर भी चर्चा हुई।
दरअसल, सर पीसीबी हॉस्टल में पूर्व छात्र रोहित शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस प्रकरण को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि इविवि के प्रशासनिक अफसर कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए लगातार जिला और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक करते रहें। इसके बाद से पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के कार्यकाल में एक बार बैठक हुई थी उसके बाद बुधवार को कमिश्नरी में बैठक हुई है। यहां कमिश्नर आर रमेश कुमार, आइजी केपी सिंह, एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसपी सिटी दिनेश सिंह, एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया और इविवि की तरफ से कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी, रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय और डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह मौजूद थे। इस दौरान हॉस्टल खोलने की मांग को लेकर पिछले दिनों हुए घटनाक्रम पर भी चर्चा की गई। कमिश्नर ने कहा, हॉस्टल के मसले पर सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप काम करें। यदि कोई अड़चन आती है तो विवि प्रशासन की पूरी मदद की जाएगी। बिजली बिल बकाए पर चर्चा हुई तो यह निर्णय लिया गया कि इविवि प्रशासन किश्तों में भी बिल जमा कर सकता है। इसके अलावा एएन झा हॉस्टल समेत अन्य हॉस्टलों के बाहर अतिक्रमण हटवाने पर भी सहमति बनी। कुलपति से मांगे सीसीटीवी फुटेज
हॉस्टल खोलने की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को धरने के दौरान छात्राओं को जेल भेजने के मामले में अब छात्राओं की तरफ से अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में बताया कि हाईकोर्ट में दायर की जाने वाली याचिका के लिए कुलपति कार्यालय और डीएसडब्ल्यू कार्यालय के पास के सीसीटीवी फुटेज की आवश्यकता है। ऐसे में उसे शीघ्र उपलब्ध कराए जाएं।