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प्रयागराज का यह परिवार बना Corona Fighters, परिवार संक्रमित हुआ तो बुजुर्ग मां की लगन ने बनाया फिर से सेहतमंद

श्रम विभाग में प्रोग्राम मैनेजर बीमारी के दिनों को याद कर भावुक हो उठते हैं। बताया कि पूरे परिवार की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई। बीच में हालत खराब होने पर एक दिन के लिए ऑक्सीजन लेने अस्पताल भी जाना पड़ा। तब देखभाल का पूरा जिम्मा मां ने संभाला।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 02:26 PM (IST)
प्रयागराज का यह परिवार बना Corona Fighters, परिवार संक्रमित हुआ तो बुजुर्ग मां की लगन ने बनाया फिर से सेहतमंद
प्रयागराज के कोरोना संक्रमित परिवार के सदस्‍यों को बूढ़ी मां ने स्‍वस्‍थ करने का बीड़ा उठाया और कामयाब रहीं।

प्रयागराज, जेएनएन। सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाए...। मां एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाए...। इन पंक्तियों के भाव को बड़ी शिद्दत से महसूस किया है प्रयागराज में सोहबतियाबाग निवासी सर्वेस पांडेय ने। पिछले दिनों वह कोरोना संक्रमण की जद में आ गए। उनके साथ 82 वर्षीय पिता उदयशंकर पांडेय, 43 वर्षीय पत्नी शशि बाला, 20 वर्षीय बेटी अमृता पांडेय, 15 वर्षीय बेटा प्रशस्ति पांडेय की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई। घर में 70 वर्षीय मां गीता पांडेय व छोटा बेटा 14 वर्षीय श्रेयस ही स्वस्थ थे। हर तरह की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों पर थी। इस मुश्किल घड़ी में मां ने हौसला बढ़ाने, आशीर्वाद देने के साथ ही रात रात भर जग कर तीमारदारी भी की।

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सर्वेश कोरोना बीमारी के दिनों को याद कर भावुक हो उठते हैं

श्रम विभाग में प्रोग्राम मैनेजर के पद पर कार्यरत सर्वेश पांडेय बीमारी के दिनों को याद कर भावुक हो उठते हैं। कहते हैं कि जब पूरे परिवार की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई तो लगा सब कुछ खत्म हो गया। बीच में हालत खराब होने पर एक दिन के लिए ऑक्सीजन लेने अस्पताल भी जाना पड़ा। वहां से लौटने पर देखभाल का पूरा जिम्मा मां ने संभाला।

हृदय रोग से पीडि़त मां की मेहनत और लगन ने अभिभूत किया

सर्वेश ने बताया कि मां स्वयं हृदय रोग से ग्रसित हैं फिर भी मजबूती से परिस्थितियों का सामना किया। दवा देने से लेकर साफ सफाई, गर्म पानी, भाप, काढ़ा नियमित रूप से देती रहीं। भगवान की पूजा खुद भी करतीं और हम सब को भी प्रेरित करतीं। योग करने की भी हिदायत देतीं। कहतीं सब ठीक हो जाएगा। भगवान पर भरोसा रखो। रात में सब के सो जाने के बाद ही मां सोतीं। बीच में उठकर कमरे के बाहर से ही हम सब का हाल लेतीं वह भी बिना बोले।

छोटी बहन अपने घर से लाती थी भोजन

सर्वेश कहते हैं कि छोटी बहन प्रज्ञा मिश्र अपने घर कटरा से हर रोज भोजन बनाकर लाती थी। बहनोई शैलेष मिश्र भी नियमित रूप से हालचाल लेते रहते थे। इसकी वजह से बाहर की चीजों के लिए कोई परेशानी नहीं होने पाई। वह लोग मास्क व सभी सुरक्षा इंतजाम के साथ घर आते थे।

नीम की पत्नी व अदरक का टुकड़ा डालकर दिलाया भाप

गीता पांडेय कहती हैं कि जब सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो लोग घबरा गए लेकिन स्वस्थ होने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना जरूरी है। हमने परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को बस यही कहा कि सब ठीक हो जाएगा। रोज गर्म पानी पियो, पानी में नीम की पत्नी, अदरक डालकर भाप लो। यह काम दो से तीन बार सभी से कराते रहें। बच्चे नहीं करना चाहते थे पर उन्हें भाप लेने के लिए डाट भी लगाई।


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