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चौकाने वाले होते रहे है फूलपुर मे नतीजे

आजादी के बाद से ही दुनिया भर मे चर्चित रहने वाला फूलपुर ससदीय क्षेत्र देश के प्रथम प्रधानमत्री का चुनावी क्षेत्र तो रहा ही है, कई बार अप्रत्याशित परिणाम देने और कई बड़े नेताओ को हराने के लिए भी मशहूर रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 02:40 PM (IST)
चौकाने वाले होते रहे है फूलपुर मे नतीजे
चौकाने वाले होते रहे है फूलपुर मे नतीजे
इलाहाबाद : आजादी के बाद से ही दुनिया भर मे चर्चित रहने वाला फूलपुर ससदीय क्षेत्र देश के प्रथम प्रधानमत्री का चुनावी क्षेत्र तो रहा ही है, कई बार अप्रत्याशित परिणाम देने और कई बड़े नेताओ को हराने के लिए भी मशहूर रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव तक कभी भी इस सीट से जीत हासिल न करने वाली भाजपा ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव मे यहा से जीत का स्वाद चख लिया और उसके पुरस्कार के रूप मे यहा से जीत कर ससद पहुचे केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी ने प्रदेश के सगठन की कमान सौप दी तथा फिर उप मुख्यमंत्री बनाया। इसके पहले यहां 1969 मे उप चुनाव हुए थे। नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र मे प्रतिनिधि हुई थी तो उन्होने इस्तीफा दे दिया था। उस समय सलााधारी कांग्रेस के प्रत्याशी केशवदेव मालवीय के लिए देश और प्रदेश मे सलाासीन कांग्रेस ने काफी प्रयास किए थे मगर सोशलिस्ट पार्टी के जनेश्वर मिश्र चुनाव जीत गए थे। इसके बाद 1980 मे हुए मध्यावधि चुनाव मे लोकदल उम्मीदवार प्रो.बीडी सिंह विजयी हुए थे। उस समय जनता पार्टी की सरकार थी, जो नही चल सकी थी तो चुनाव हुआ था। फिर वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव मे रामपूजन पटेल जनता दल के टिकट से जीते थे। वर्ष 1998 के मध्यावधि चुनाव मे यहां से सपा के जंगबहादुर पटेल जीते थे।

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