रईस बनारसी के गुर्गो पर एसटीएफ की निगाह
रईस बनारसी के गुर्गो को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने जोर लगा दिया है। वाराणसी में मारे गए कुख्यात शूटर 50 हजार केइस इनामी बदमाश के शूटर यहां फरारी काटने पहुंचे हैं। बंसल हत्याकांड में भी पूछताछ होगी।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वाराणसी में मारे गए कुख्यात शूटर 50 हजार के इनामी रईस बनारसी के तार इलाहाबाद से गहरे जुड़े रहे हैं। रईस गिरोह के पूर्वाचल के शूटर यहां फरारी काटने आते थे। यहां रहने वाले रईस के करीबी उनका इंतजाम करते थे। रईस बनारसी के तीन शूटर फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं, ऐसे में एसटीएफ अब रईस के गुर्गो की निगरानी में जुट गई है।
रईस को डॉ. बंसल हत्याकांड में संदिग्ध माना जा रहा था। उसकी हत्या से तमाम राज दफन हो गए। बंसल हत्याकांड के बाद एसटीएफ और पुलिस टीमें कई महीने तक रईस बनारसी की तलाश में जुटी रहीं थीं। अब उसके मरने के बाद एसटीएफ उसके करीबी शूटरों को खंगालेगी ताकि डा. बंसल हत्याकांड के कुछ राज मालूम हो सकें। एसटीएफ का कहना है कि यदि हत्याकांड में रईस बनारसी का हाथ था तो उसके शूटरों को पता होगा।
12 जनवरी 2017 की रात शूटरों ने प्रसिद्ध सर्जन डॉ. एके बंसल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस और एसटीएफ को पूर्वाचल के शूटरों पर शक हुआ। ऐसे में रईस बनारसी का नाम सामने आया। जो स्केच तैयार हुआ उसमें से एक रईस बनारसी से मिलता जुलता पाया गया। इसके बाद पुलिस टीमें वाराणसी समेत पूर्वाचल के जिलों में पहुंच गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका था। उसके न मिलने की वजह से बंसल हत्याकांड में पूछताछ नहीं हो सकी थी। रईस बनारसी का नाम डॉ. बंसल हत्याकांड में इस वजह से भी आया कि वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद कई शूटरों से मिलने आता रहता था। नैनी जेल में बंद अख्तर कटरा से रईस के रिश्ते थे। अख्तर कटरा के साथ ही जेल में डॉ. बंसल का दुश्मन एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा बंद था। पुलिस का मानना था कि अख्तर कटरा के मार्फत रईस की मुलाकात आलोक सिन्हा से हुई थी। ऐसे में रईस को सुपारी दी गई हो सकती है।