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अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के आवास से गाड़ी चोरी

जासं, कौशांबी : जिले के अतिरिक्त मजिस्ट्रेट शिवनारायन ¨सह के इलाहाबाद स्थित आवास से अनुबंधित गाड़ी चो

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 09:07 PM (IST)
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के आवास से गाड़ी चोरी
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के आवास से गाड़ी चोरी

जासं, कौशांबी : जिले के अतिरिक्त मजिस्ट्रेट शिवनारायन ¨सह के इलाहाबाद स्थित आवास से अनुबंधित गाड़ी चोरी हो गई। उन्होंने जार्जटाउन में चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया है। वहीं इस गाड़ी के मालिक ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत डीएम, सांसद और मुख्यमंत्री से की है।

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फतेहपुर जनपद के खखरेरू शिवपुरी निवासी कुलदीप ¨सह बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले लोन पर एक बोलेरो गाड़ी फाइनेंस कराया था। उसकी गाड़ी एक जुलाई 2015 से स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर चल रही थी। बाद में स्वास्थ्य विभाग से उसे डीएम स्कार्ट में भेज दिया गया। बाद में उससे एसडीएम सिराथू शिव नारायण ¨सह चलने लगे। अब वह अतिरिक्त मजिस्ट्रेट पद पर तैनात हैं। कुलदीप का आरोप है कि अनुबंधित गाड़ी की शर्तों को दरकिनार करते हुए अतिरिक्त मजिस्ट्रेट गाड़ी चलवा रहे थे। वह इसे लेकर इलाहाबाद अपने आवास जाते थे। आरोप है कि 29 मार्च को उनके वाहन का बीमा भी खत्म हो गया। वहीं एक अप्रैल को अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के इलाहाबाद आवास से वाहन चोरी हो गया। एसडीएम ने जार्जटाउन थाने में वाहन चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पीड़ित ने सांसद के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मामले की जांच कराते हुए क्षतिपूर्ति दिलाएं जाने की मांग की है। अतिरिक्त एसडीएम शिवनारायण ¨सह ने बताया कि गाड़ी में कुछ कमियां थी। अवकाश होने के कारण ड्राइवर गाड़ी को लेकर इलाहाबाद गया था। शाम को मैं भी घर पर गया था। ड्राइवर गाड़ी सही कराकर मेरे आवास पर रुक गया। गाड़ी गेट के बाहर खड़ी थी, वहीं से गायब हो गई। सुबह ड्राइवर उठा तो उसने इसकी जानकारी दी। साथ ही गाड़ी मालिक से कुछ दे लेकर समझौते की बात कहीं। वाहन चोरी की रिपोर्ट जार्जटाउन थाने में दर्ज कर दी गई है। पुलिस के साथ ही वह खुद वाहन की तलाश में लगे हैं। गाड़ी के बीमा खत्म होने जैसे कोई बात उनसे नहीं की गई। न ही अन्य किसी मामले को लेकर गाड़ी मालिक से उनकी कोई बात हुई। गाड़ी स्वास्थ्य विभाग में अटैच थी। वह उसको लेकर वह कुछ कर भी नहीं सकते थे। यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है।


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