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आबकारी सिपाहियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक, 18 जुलाई को हाई कोर्ट में होनी है सुनवाई

वर्ष 2016 से शुरू हुई आबकारी सिपाही के 405 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पिछले दिनों उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने पूरी की है। कुल चयनितों में से 376 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए सूची मई में आबकारी मुख्यालय भेजी गई थी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 06:25 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 09:36 PM (IST)
आबकारी सिपाहियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक, 18 जुलाई को हाई कोर्ट में होनी है सुनवाई
छह साल बाद लगभग पूरी होने के पहले आबकारी सिपाही भर्ती प्रक्रिया फिर रुक गई।

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। छह साल बाद लगभग पूरी होने के पहले आबकारी सिपाही भर्ती प्रक्रिया फिर रुक गई। महिला आरक्षण को लेकर मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी होने से रोक दिया है। इस मामले की सुनवाई 18 जुलाई को होगी। अब हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप कार्यवाही होगी। नियुक्ति की आस लगाए चयनितों को इससे झटका लगा है।

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203 आबकारी सिपाहियों का हो चुका है पुलिस वेरीफिकेशन

वर्ष 2016 से शुरू हुई आबकारी सिपाही के 405 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पिछले दिनों उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने पूरी की है। कुल चयनितों में से 376 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए सूची मई में आबकारी मुख्यालय भेजी गई थी। 29 चयनितों की सूची आयोग ने रोक ली है। आबकारी मुख्यालय प्रयागराज से नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। चयनितों को मुख्यालय बुलाकर उनके प्रमाणपत्रों की जांच की गई। उसके बाद उनके दस्तावेज पुलिस सत्यापन (वेरीफिकेशन) के लिए उनके स्थाई पते पर भेज दिए गए। 203 अभ्यर्थियों का सत्यापन जून के पहले हफ्ते में पूरा हो गया।

इन चयनितों को नियुक्ति पत्र जारी करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिपाही भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने निर्धारित आरक्षण से अधिक महिलाओं के भर्ती होने का आरोप लगाया है। अब इस मामले में 18 जुलाई को सुनवाई होगी तो यूपीएसएसएससी अपना पक्ष रखेगा। अधिकारियों ने बताया कि कई महिलाएं अनारक्षित श्रेणी में सफल हुई हैं, इसलिए उनकी संख्या ज्यादा प्रतीत हो रही है। फिलहाल कोर्ट के फैसले के आधार पर आगे की प्रक्रिया चलेगी।


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