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CAIT के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा- GST में फंसे डेढ़ हजार करोड़ वापस करने का मंत्रालय पर है दबाव

कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि यद्यपि हर सरकार ने इस फंड का इस्तेमाल किया है। हालांकि वित्तीय वर्ष समाप्त होते ही सरप्लस फंड से ले लेना यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में सब कुछ ठीक नहीं है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 05:16 PM (IST)
CAIT के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा- GST में फंसे डेढ़ हजार करोड़ वापस करने का मंत्रालय पर है दबाव
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने अर्थव्‍यवस्‍था पर विचार रखा।

प्रयागराज, जेएनएन। भारत के आर्थिक व्यवहार पर निगाह रखने वाले बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 21 मई को सरकार को अपनी सरप्लस रकम से 99122 करोड़ रुपये देने की स्वीकृति अपनी केंद्रीय बोर्ड की बैठक में दी। यह रकम जुलाई 2020 से मार्च 2021 के नौ महीने की होगी। सरप्लस रकम वह रकम जो 5.5 से 6.5 की आपातकालीन फंड के बाद बची होती है। केंद्र ने बजट में विनिवेश और आरबीआइ के फंड से एक लाख करोड़ की व्यवस्था करने के लिए कहा है पर सुस्त अर्थव्यवस्था और मंदी के कारण सरकार की विनिवेश नीति सफल नहीं हुई, लिहाजा उसकी व्यवस्था के लिए आरबीआई को चुना गया।

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कैट के प्रदेश अध्‍यक्ष ने यह कहा

कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि यद्यपि हर सरकार ने इस फंड का इस्तेमाल किया है। हालांकि वित्तीय वर्ष समाप्त होते ही सरप्लस फंड से ले लेना यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में सब कुछ ठीक नहीं है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि अभी हाल ही में मॉडी ने भारत की इस वित्तीय तिमाही की जीडीपी का आकलन पूर्व के 14 से घटाकर 9.5 फीसद कर दिया है। जो आंकड़े जारी नहीं किए गए, उनको मानें तो 31 मार्च को जीडीपी माइनस 9-10 थी। ऐसे में यदि सभी कुछ सही रहा तो भी हम कोविड पूर्व की जीडीपी के बराबर यानी जीरो पर होंगे।

बोले कि केंद्र सरकार पर भुगतान का दबाव भी है

महेंद्र गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार के ऊपर अब भुगतान का दबाव भी पड़ रहा है। वाणिज्य मंत्रालय ने एमएसएमई के जीएसटी में फंसे 15000 करोड़ की रकम को वापस करने का दबाव वित्त मंत्रालय पर बनाया है। एमएसएमई की हालत को सुधारने और उनके समक्ष खड़ी नकदी की समस्या के निदान के लिए यह जरूरी भी है। फिर यह एमएसएमई का पैसा है तो वित्त मंत्रालय को समय से जारी कर देना चाहिए।


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