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कंधे पर शव ले जाने के मामले में मानवाधिकार आयोग के समक्ष पेश हुए अफसर, जांच रिपोर्ट तलब

राज्‍य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बालकृष्ण नारायण सर्किट हाउस में पहुंचे। उन्होंने सीएमओ डा. नानक सरन मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. एसपी सिंह को सर्किट हाउस में आवश्यक दस्तावेजों के साथ तलब किया। कंधे पर पुत्र का शव ले जाने के मामले की जांच करेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 12:32 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 03:15 PM (IST)
कंधे पर शव ले जाने के मामले में मानवाधिकार आयोग के समक्ष पेश हुए अफसर, जांच रिपोर्ट तलब
कंधे पर बेटे का शव ले जाने के मामले में जांच के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पहुंचे हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। एंबुलेंस की सुविधा न मिलने पर बेटे का शव कंधे पर ले जाने के मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Rights Commission) ने स्वत: संज्ञान में लिया है। आयोग के चेयरमैन जस्टिस बालकृष्ण नारायण के निर्देश पर सोमवार दोपहर बाद सीएमओ डा. नानक सरन और मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. एसपी सिंह आयोग के समक्ष पेश हुए। आयोग ने अधिकारियों से जांच रिपोर्ट तलब किया है। साथ ही पूरे प्रकरण की बिंदुवार जानकारी मांगी है।

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घटना की शासन तक पहुंची गूंज : प्रयागराज जिले में दो अगस्त को मानवता को तार-तार करने वाली घटना हुई थी। एक परेशान पिता को जब एंबुलेंस नहीं मिली तो पोस्‍टमार्टम के बाद बेटे के शव को कंधे पर लादकर वह ले गया था। इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद शासन तक मामले की गूंज पहुंची थी। अब मामले की जांच के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग की टीम भी प्रयागराज पहुंची। आयोग की टीम बेटे के शव को ले जाने वाले बजरंगी यादव के घर करछना के रामपुर सेमरहा भी जाएगी।

करंट से नौ वर्षीय मासूम की मौत मामला : प्रयागराज में यमुनापार स्थित करछना के रामपुर सेमरहा गांव निवासी मजदूर बजरंगी यादव का नौ वर्षीय बेटा शुभम एक अगस्त को दोपहर में करंट की चपेट में आ गया था। वह गांव में ही स्थित मंदिर में प्रसाद लेकर लौट रहा था कि विद्युत पोल के स्टेवायर में उतरे करंट की चपेट में आया था, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई थी। उसे फौरन पास के गांव में स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में ले जाया गया, जहां से जवाब मिलने पर रामपुर स्थित नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। फिर शव को घर ले जाया गया।

मजबूर पिता के पास एंबुलेंस चालक को देने के पैसे नहीं थे : पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अगले दिन दो अगस्त को पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस चालक ने शव ले जाने के लिए 2200 रुपये की मांग की। इतने पैसे न होने पर मजदूर बजरंगी कंधे पर ही बेटे का शव लादकर निकल गया। इसका वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया था।

करछना इंस्‍पेक्‍टर व सिपाही पर हो चुकी है कार्रवाई : डीएम संजय कुमार खत्री ने एसडीएम करछना, सीएमओ और मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को जांच सौंप दी। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर करछना के इंस्पेक्टर व सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अवर अभियंता को भी निलंबित किया गया। पीडि़त परिवार को पांच लाख रुपये, अंत्योदय कार्ड, आवासीय जमीन का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, आयुष्मान कार्ड का लाभ दिलाया गया।

मानवाधिकार आयोग के सदस्‍य भी पहुंचे प्रयागराज : अब राज्य मानवाधिकार आयोग की टीम ने स्वतंत्र संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कर रही है। आयोग के अध्यक्ष व कई सदस्य प्रयागराज पहुंच गए हैैं।


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