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SRN Hospital: बिन पैसे काम लेकर किया बेरोजगार, आउटसोर्स महिला पुरुष नर्सिंग स्टाफ का विरोध प्रदर्शन

स्वरूपरानी अस्पताल में कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के जरिए 52 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी। इसमें करीब दस पुरुष स्टाफ थे शेष महिला। सभी ने सात महीने तक अलग अलग वार्डों में ड्यूटी की। इस बीच उन्हें किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 02:15 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 04:21 PM (IST)
SRN Hospital: बिन पैसे काम लेकर किया बेरोजगार, आउटसोर्स महिला पुरुष नर्सिंग स्टाफ का विरोध प्रदर्शन
नर्सिंग स्टाफ ने गुरुवार को सुबह से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सात महीने तक बिना एक पैसा दिए काम कराने के बाद ड्यूटी पर जाने से रोकने से परेशान 52 आउट सोर्स महिला पुरुष नर्सिंग स्टाफ ने गुरुवार को सुबह से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने नारे लगाते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अब उन्हें कहा रोजगार मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कालेड प्राचार्य को उनकी समस्या पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए ताकि उनका परिवार अचानक से संकट में नहीं फंस जाए।

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सात महीने तक की अलग-अलग वार्ड में ड्यूटी

स्वरूपरानी अस्पताल में कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के जरिए 52 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी। इसमें करीब दस पुरुष स्टाफ थे शेष महिला। सभी ने सात महीने तक अलग अलग वार्डों में ड्यूटी की। इस बीच उन्हें किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया। बुधवार को अचानक उन्हें ड्यूटी करने से रोक दिया गया। इससे आहत नर्सिंग स्टाफ ने गुरुवार को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का घेराव और विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया था।

तीन महीने के लिए रखा, सात महीने कराया बिन पैसे काम

गुरुवार सुबह आठ बजे से ही आउटसोर्स महिला पुरुष कर्मियों ने एसआरएन अस्पताल के मेन गेट के सामने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका कहना है कि ड्यूटी करने से रोकने पर वे बुधवार को प्रिंसिपल डा. एसपी सिंह के पास भी पहुंचे थे। उन्हें अपनी पीड़ा बताई थी। यह भी कहा कि अब तक उन्हें एक रुपये भी पारिश्रमिक नहीं मिला है। इस पर उनसे कहा गया कि आउट सोर्स कंपनी के जरिए सभी को काम पर रखा गया था। यह सभी नियुक्तियां मात्र तीन महीने के लिए थीं। इसके बाद क्यों और किसने कार्य लिया उसकी जानकारी नहीं है। फिलहाल तीन महीने का पारिश्रमिक कब और कैसे मिलेगा, इस संबंध में भी कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया। आखिर जब सभी लोग महामारी के डर से घरों में थे तब नर्सिंग स्टाफ से ड्यूटी ली गई और वेतन भी नहीं दिया गया, अब अचानक हटा भी दिया गया, यह कहां तक न्याय संगत है। आखिर अब वह कहां रोजगार पाएंगे। आउट सोर्स करने वाली कंपनी को खबर मिली तो अधिकारियों ने आकर स्टाफ को शांत कराने की कोशिश शुरू की।


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