संगम क्षेत्र की आध्यात्मिक ऊर्जा संसद में भी बिखरेगी
कुंभ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने वाले साक्षी महाराज साध्वी निरंजन ज्योति व साध्वी प्रज्ञा ठाकुर संसद में दस्तक देंगे। संगम क्षेत्र की आध्यात्मिक ऊर्जा संसद में भी बिखरेगी।
प्रयागराज : वैसे तो तीर्थराज प्रयाग में आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए दुनियाभर से लोग जप-तप करने आते हैं। कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में पहुंच जाती है। यह पहला मौका है जब संगम क्षेत्र की आध्यात्मिक ऊर्जा संसद में बिखरेगी। कुंभ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने वाले साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन ज्योति व साध्वी प्रज्ञा ठाकुर संसद में दस्तक देंगे। तीनों भाजपा के टिकट से चुनाव जीते हैं। साक्षी महाराज व साध्वी निरंजन ज्योति पहले भी सांसद रही हैं, लेकिन अबकी कुंभ मेला में पहली बार ऐसा हुआ जब उन्होंने शिविर लगाकर कल्पवास भी किया।
मोदी सरकार में मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति कुंभ मेला में कल्पवास करने प्रयागराज आईं थीं। उन्हें निरंजनी अखाड़ा ने महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की। केंद्रीय मंत्री के रूप महामंडलेश्वर बनने वाली निरंजन ज्योति पहली संन्यासिनी हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़ा के साथ शाही स्नान किया। साथ ही संगम तीरे शिविर लगाकर कल्पवास करते हुए भजन-पूजन, श्रीमद्भागवत व श्रीराम कथा कहने में लीन रहीं। वह फतेहपुर संसदीय क्षेत्र से दोबारा सांसद चुनी गईं हैं। वहीं निर्मल अखाड़ा के महामंडलेश्वर साक्षी महाराज उन्नाव से चुनाव जीतकर एक बार फिर संसद पहुंचे हैं। साक्षी महाराज कुंभ क्षेत्र में शिविर लगाकर कल्पवास करने के साथ शाही स्नान में शामिल हुए थे। वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पटखनी देकर संसद पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने संगम क्षेत्र में प्रवास किया था। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए 'भारत भक्ति अखाड़ा का गठन किया। साथ ही राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर अखाड़ा की नीतियों व कार्यों को देशभर में फैलाने का खाका तैयार किया। इसके बाद उनके अखाड़ा की मुहिम देशभर में शुरू हुई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने एक संन्यासी व दो संन्यासिनी के संसद पहुंचने पर खुशी व्यक्त की है। वह कहते हैं कि अब संसद में सनातन धर्म का पक्ष मुखरता से प्रस्तुत होगा।
भवानी मां का नहीं चला जादू :
कुंभ मेला में मिली लोकप्रियता को भुनाकर संसद पहुंचने के लिए चुनाव लड़ रहीं किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर भवानी मां का ख्वाब अधूरा रह गया। आम आदमी पार्टी के टिकट पर इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ीं भवानी को अपेक्षा के अनुरूप जनसमर्थन नहीं मिला। वह सिर्फ 1845 वोट ही हासिल कर सकीं, जिससे उनकी जमानत भी नहीं बची। इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाली भवानी दूसरी किन्नर हैं। इनके पहले 1984 के चुनाव में भी एक किन्नर प्रत्याशी बना था।
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