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दुष्कर्म प्रकरण में तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर कौशांबी कोर्ट में तलब होंगे, नोटिस जारी Prayagraj News

कौशांबी की अदालत ने 2019 में महिला से हुए दुष्‍कर्म मामले में तत्‍कालीन एसपी और इंस्पेक्टर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। 15 फरवरी को अदालत में हाजिर होने की नोटिस भेजी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 11:49 AM (IST)
दुष्कर्म प्रकरण में तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर कौशांबी कोर्ट में तलब होंगे, नोटिस जारी Prayagraj News
दुष्कर्म प्रकरण में तत्कालीन एसपी और इंस्पेक्टर कौशांबी कोर्ट में तलब होंगे, नोटिस जारी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पड़ोसी जनपद कौशांबी में मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में अदालत ने तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता और इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह पर शिकंजा कसा है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट के न्यायाधीश ने दोनों को 15 फरवरी को तलब होने की नोटिस जारी की है। यह भी जवाब मांगा है कि जिस मामले में मुकदमा दर्ज न होने की रिपोर्ट भेजी गई थी, उसमें मंझनपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर रवींद्र त्रिपाठी ने केस दर्ज किया। ऐसे में एससीएसटी अधिनियम के तहत विधि व्यवस्था क्यों प्रभावित की गई।

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2019 में महिला से सामूहिक दुष्कर्म, एक नामजद व चार पर दर्ज था केस

मंझनपुर इलाके की एक महिला के साथ अगस्त 2019 में एक नामजद और चार अज्ञात लोगों ने दुष्कर्म किया था। मामले की शिकायत के बावजूद तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मंझनपुर उदयवीर सिंह ने केस नहीं दर्ज किया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता से भी गुहार बेअसर रही। इस पर पीडि़ता ने रजिस्ट्री के जरिए आला अफसरों को शिकायती पत्र दिया। फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा पीडि़ता ने कोर्ट का सहारा लिया। अदालत ने पीडि़ता के प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली से कार्रवाई की आख्या रिपोर्ट मांगी। कोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मुकदमा न दर्ज किए जाने की आख्या रिपोर्ट प्रेषित कर दी। इसके बाद एसपी प्रदीप गुप्ता का स्थानांतरण गैरजनपद हो गया। उनकी जगह पर आए एसपी अभिनंदन ने कोतवाल उदयवीर सिंह को पश्चिम शरीरा स्थानांतरित कर दिया।

इससे कोर्ट की ओर से मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश निष्प्रयोज्य हो गया

उधर, पीडि़ता के अधिवक्ता ने धारा 156 (3) के तहत न्यायालय से केस दर्ज किए जाने का आदेश 18 जनवरी को जारी करा लिया। इस आदेश की कॉपी कोतवाली मंझनपुर पहुंची तो वर्तमान कोतवाल रवींद्र त्रिपाठी ने दिसंबर में ही मुकदमा दर्ज हो जाने की रिपोर्ट अदालत को भेज दी। इससे कोर्ट की ओर से मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश निष्प्रयोज्य हो गया। पीडि़ता के अधिवक्ता ने इसे आधार बनाते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया कि जिस मामले में एसपी प्रदीप गुप्ता और कोतवाल उदयवीर सिंह ने केस न दर्ज होने की आख्या कोर्ट में भेजी थी, उसी मामले में कोर्ट से आदेश होने के पहले ही केस दर्ज कर लिया गया, जो विधि व्यवस्था के खिलाफ है।

15 फरवरी तक अदालत में हाजिर होकर जवाब देना होगा

इसे विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट की अदालत की ओर से गुरुवार को तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता व कोतवाल उदयवीर सिंह को नोटिस जारी की गई है कि वह 15 फरवरी तक अदालत में हाजिर होकर जवाब दें। साथ ही यह भी आदेश किया है कि इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिले के आला अधिकारियों समेत प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी के अलावा शासन को भेजी जाए।


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