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कुंभ में भगदड़, अफवाह और आतंकी खतरों से जनता को आगाह करेगा साफ्टवेयर

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधार्थी ने एक ऐसा साफ्टवेयर डेवलप किया है जो वीडियो शूट के माध्यम से न सिर्फ भीड़ का सटीक अनुमान लगाएगा बल्कि लोंगों को जागरूक भी करेगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 11:16 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 11:16 AM (IST)
कुंभ में भगदड़, अफवाह और आतंकी खतरों से जनता को आगाह करेगा साफ्टवेयर
कुंभ में भगदड़, अफवाह और आतंकी खतरों से जनता को आगाह करेगा साफ्टवेयर

इलाहाबाद [अमरीश शुक्ल]। कुंभ-2019 पर देश-दुनिया की निगाह है। सैकड़ों एकड़ में बसने वाली तंबुओं की इस नगरी में देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आएंगे। ऐसे में उनकी सुरक्षा और कुंभ को निर्विघ्न संपन्न कराना सरकार व प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने में इस बार भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है।

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यहां कि शोधार्थी ने एक ऐसा साफ्टवेयर डेवलप किया है जो वीडियो शूट के माध्यम से न सिर्फ भीड़ का सटीक अनुमान लगाएगा बल्कि भीड़ के स्वभाव में अचानक होने वाले परिवर्तनों के प्रति भी आगाह करेगा। कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (सीएनएन) नामक इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से भगदड़, आतंकी हमले, अफवाह आदि से निपटने में मदद मिलेगी।

आज भी दुनिया के लिए पहेली है कुंभ की भीड़

कुंभ में आने वाली भीड़ और उसका मैनेजमेंट आज भी दुनियाभर के लिए पहेली है। कहां से आती है इतनी भीड़, कैसे नियंत्रित होती है? इस सवाल का जवाब पाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के भी शोधार्थी जी-जान लगा चुके हैं। अथाह भीड़ और उसका मैनेजमेंट आज भी शोध का विषय बना हुआ है। इसको देखते हुए ट्रिपलआइटी व मेला प्रशासन के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक में आइजी रमित शर्मा ने भीड़ के अनुमान को लगाने के लिए किसी वैज्ञानिक तरीके को विकसित करने का टेक्नोक्रेट्स से आह्वान किया था।

इस आह्वान के बाद ट्रिपलआइटी में प्रोफेसर डॉ. सोनाली अग्रवाल के मार्गदर्शन में शोध कर रहे नरेंदर सिंह पुन्न ने फोटो के माध्यम से भीड़ का पता लगाने की विधि पर काम शुरू किया। कई ट्रायल के बाद काफी हद तक भीड़ का पता लगाने के लिए इस तकनीकी को कारगर पाया गया है। इसे और वैज्ञानिक बनाने के लिए अभी और रिसर्च ट्रायल चल रहे हैं। इस साफ्टवेयर को कुंभ तक डेवलप करने की योजना है। इस साफ्टवेयर का ट्रायल पहले रेलवे स्टेशनों पर करने की तैयारी है।

आटोमेटेड अलर्ट जारी करेगा साफ्टवेयर

ट्रिपलआइटी के इन्फारर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सोनाली अग्रवाल ने बताया कि यह साफ्टवेयर रियल टाइम वीडियो डेटा पर काम करेगा। अभी तक कुंभ में पुलिस व खुफिया एजेंसियां भीड़ पर मैनुअल वाच करती हैं। हम साफ्टवेयर के माध्यम से आटोमेटेड अलर्ट जारी करेंगे।

कहीं भी गड़बड़ी होने या भीड़ द्वारा अस्वाभाविक व्यवहार करने पर साफ्टवेयर के माध्यम से आटोमेटेड अलर्ट जारी होगा। यह अलर्ट अलार्म के माध्यम से जारी होगा। इससे किसी भी चुनौती से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। हम स्थिति बिगडऩे से पूर्व की स्थिति पर नियंत्रण कर सकेंगे।


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