Smart City Plan : प्रयागराज के शहर में 8.82 करोड़ की लागत से बनेंगे सेंसरयुक्त टॉयलेट, ई-टेंडर निकाला गया
Smart City Plan के तहत प्रयागराज में सेंसरयुक्त टॉयलेट बनाए जाएंगे। इसके लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने ई-टेंडर निकाला है। 8.82 करोड़ की लागत से सेंसरयुक्त टॉयलेट बनेंगे। एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य है। इसकी निगरानी इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। वह दिन दूर नहीं जब शहर के पब्लिक टॉयलेट (सार्वजनिक शौचालय) भी पांच सितारा होटलों के टॉयलेट की तरह चमचमाएंगे। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत यह जल्द संभव होगा। करीब 8.82 करोड़ (882.23 लाख) से शहर में सेंसरयुक्त लगभग 150 टॉयलेट बनाने की योजना है। इस संबंध में ई-टेंडर भी जारी कर दिया गया है। निविदा में चयनित एजेंसी को यह काम एक साल में पूरा करना होगा।
नगर निगम के आइटी अफसर बोले
नगर निगम के आइटी अफसर मणिशंकर त्रिपाठी कहते हैं कि सेंसर और आइटीसी आधारित टॉयलेट के निर्माण से सफाई व्यवस्था की ऑनलाइन निगरानी होती रहेगी। पानी की टंकियों के भर जाने, खाली हो जाने की भी जानकारी होती रहेगी। टोटियों का मूवमेंट सेंसर के जरिए होगा।
लोगों की सुविधा के लिए यह सब रहेगी व्यवस्था
अभी शहर के ज्यादातर पब्लिक टॉयलेट साफ-सफाई के अभाव में बजबजाते रहते हैं। दुर्गंध के कारण पब्लिक टॉयलेट के बगल से गुजरते समय मुंह और नाक को बंद करना मजबूरी हो जाती है। टोटियां सेंसर से चलेंगी। पानी की टंकी भरी है अथवा खाली है, पब्लिक टॉयलेट की सफाई हुई है अथवा नहीं इसकी भी जानकारी मिलती रहेगी, क्योंकि इसमें ऑटोमेटेड सेल्फ क्लीङ्क्षनग की भी व्यवस्था रहेगी। सभी पब्लिक टॉयलेट की निगरानी इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइ ट्रिपलसी) के जरिए होगी। अधिकारी भी शौचालयों की स्थिति से वाकिफ होते रहेंगे। चयनित एजेंसी को पांच साल तक इन पब्लिक टॉयलेट के रख-रखाव की भी जिम्मेदारी संभालनी होगी।
सार्वजनिक व सुलभ शौचालयों में जाने से झिझकते हैं लोग
अभी शहर में बने ज्यादातर सार्वजनिक और सुलभ शौचालयों की दशा देखकर उसमें जाने में लोगों को एक बार झिझक होती है। हालांकि शीघ्र ही लोगों को इस समस्या से राहत मिलने वाली है। प्रयागराज में जल्द ही ऐसे शौचालय बनेंगे, जिसमें जाने पर किसी थ्री अथवा फावर स्टार होटल के टॉयलेट का एहसास होगा। स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम करीब 150 ऐसे शौचालय बनवाएगा जो सेंसर और इंफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आइटीसी) आधारित होगा। इससे टॉयलेट की सफाई, पानी की टंकियों के भरने और खाली होने की जानकारी भी स्वत: होती रहेगी।
हाथ के स्पर्श के एहसास से टोटियों से निकलेगा पानी
नगर निगम सीमा का विस्तार अब शहर के बाहर नैनी, झूंसी और फाफामऊ के आगे तक हो गया है। इसलिए शहर के अलावा विस्तारित क्षेत्र में भी लगभग 150 सेंसर और आइटीसी आधारित टॉयलेट निर्माण की तैयारी की जा रही है। शौचालयों के निर्माण के लिए जगह भी चिन्हित कर लिया गया है। इन शौचालयों में स्वचालित फ्लश होंगे और नलों की टोटियां भी ऐसी लगी होंगी जो सेंसर से संचालित होंगे। यानी हाथ के स्पर्श के एहसास से टोटियों से पानी निकलने लगेगा।