World Hypertension Day 2020 : आप भी जानें, प्रदेश में छह फीसद बच्चे इस बीमारी के हैं शिकार Prayagraj News
विश्व हाइपरटेंशन दिवस इस रोग की चपेट में आने वालों की उम्र सीमा में गिरावट भी देखी जा रही है। यानी अब बच्चों में भी हाई ब्लड प्रेशर हो रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। यहां हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। आज यानी रविवार को विश्व हाइपरटेंशन दिवस है। इसलिए इस खबर का महत्व और भी बढ़ जाता है। वह यह कि हाइपरटेंशन की बीमारी अब सिर्फ वयस्कों तक ही सीमित नहीं है, वरन अब बच्चों पर भी यह बीमारी अपना प्रभाव डाल रही है। यही कारण है कि प्रदेश में छह फीसद बच्चे हाइपरटेंशन के शिकार हैं। कई शोध में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। डॉक्टर इसका प्रमुख कारण ज्यादा देर तक टीवी देखने व पढ़ाई पर अधिक जोर देना मान रहे हैं।
रोग की चपेट में आने वालों की उम्र सीमा में गिरावट : डॉ. पिंकी सिन्हा
आपको तो पता ही है कि प्रति वर्ष 17 मई को विश्व हाईपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। इसलिए यह विशेष दिन मनाया जाता है ताकि लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़े। इस संबंध में फिजिशियन डॉ. पिंकी सिन्हा बताती हैं कि हाइपरटेंशन अमूमन 40 से 45 उम्र के लोगों को होता है। भारतीयों को यह बीमारी 10 साल पहले यानी 30 से 35 की उम्र में शुरू हो जाती है। इस रोग की चपेट में आने वालों की उम्र सीमा में गिरावट भी देखी जा रही है। यानी अब बच्चों का भी ब्लड प्रेशर हाई हो रहा है। सामान्य तौर पर उच्च रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर) न्यूनतम 80 व अधिकतम 120 के बीच रहता है।
यह हैं बीमारी के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर है। ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण या संकेत नहीं दिखते। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अंगों का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना आदि कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में ब्लड प्रेशर 140 के पार पहुंच जाता है।