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प्रतापगढ़ में लोगों पर हमला करने वाला तेंदुआ वन विभाग की घेराबंदी के बीच आधी रात भागा जंगल में

शाम करीब साढ़े चार बजे जंगली जानवर दिखा तो शोर मच गया। वह हमलावर हो गया। कई लोगों को घायल करने के बाद एक खुले कमरे में घुस गया। कुछ लोगों ने हिम्मत कर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया आधी रात वह जंगल में भाग गया

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:52 AM (IST)
प्रतापगढ़ में लोगों पर हमला करने वाला तेंदुआ वन विभाग की घेराबंदी के बीच आधी रात भागा जंगल में
मिश्राइनपुर गांव में गुरुवार शाम तेंदुए के हमले में आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी की दहशत के बीच प्रतापगढ़ में लालगंज कोतवाली क्षेत्र के मिश्राइनपुर गांव में गुरुवार शाम लोगों पर हमला करने के बाद एक कमरे में घुसने वाला तेंदुए के वन विभाग की टीम पकड़ने में नाकाम रही। वन टीम की घेराबंदी के बीच गुरूवार रात करीब एक बजे यह तेंदुआ कमरे के पीछे से जंगल की तरफ भाग गया। अब आसपास के कई गांव वाले घबराए हुए हैं कि तेंदुआ फिर ने हमला कर दे। 

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गुरूवार शाम मचाया था कोहराम

यह तेंदुआ गुरूवार शाम करीब चार बजे संतू मौर्या के घर के सामने  दिखा तो शोर मच गया। कुछ लोगों ने उसे खदेड़ना चाहा तो वह हमलावर हो गया। छह-सात लोगों को घायल करने के बाद पास के एक खुले कमरे में घुस गया। कुछ लोगों ने साहस जुटाकर कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और पुलिस व वन विभाग को सूचना दी। डीएफओ वरुण सिंह मातहतों के साथ शाम करीब सात बजे पहुंचे। खिड़की से देखा तो तेंदुआ उछल-कूद कर रहा था। उसकी आवाज से लोग सहमे रहे। तेंदुएं के हमले से घायल होने वालों में सुशील कुमार, करन कुमार, शांति देवी, संतोष कुमार व रमेश कुमार आदि हैैं । उनमें किसी के कंधे पर चोट है तो किसी के चेहरे पर। 

कई घंटे के बाद रात में भागा

कई घंटे तक कमरे में बंद रहने के दौरान तेंदुआ वन विभाग की टीम को देखकर गुर्राता और इधर उधर भागता रहा। टीम उसे पकड़ने का प्रयास करती रही आखिरकार रात में वह पिछली तरफ से भाग गया। डीएफओ वरुण प्रताप सिंह का कहना है कि यह तेंदुआ खाने की तलाश में आबादी की तरफ आ गया था। उसके भागने के बाद गांव वालों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। इस तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन टीम का गठन किया गया है। जिले में हिंसक जानवर का बस्ती में घुस आना व हमला नया मामला नहीं है। पूर्व में कुंडा, बाघराय और राजगढ़ में कई बार तेंदुआ बस्ती में आ पहुंचा है। बाघराय में ग्रामीणों ने एक तेंदुए को जलाकर मार डाला था। प्रतापगढ़ में कुछ अंतराल पर तेंदुए आबादी में पहुंचते रहते हैं। इस वजह से लोगों में दहशत बनी रहती है।


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