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दंपती की हत्या में छह लोगों को आजीवन कारावास Prayagraj News

शासकीय अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि भुवर की बहन को रामसजीवन का बेटा बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। इसी रंजिश में अभियुक्तों ने एकराय होकर दंपती की हत्या की थी। उभयपक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्तगण दोहरे हत्याकांड के दोषी हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 11:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 11:10 PM (IST)
दंपती की हत्या में छह लोगों को आजीवन कारावास Prayagraj News
iप्रयागराज के झूंसी में छह साल पहले हुई दंपती की हत्या में छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई।

प्रयागराज,जेएनएन। जिले में झूंसी में करीब पांच साल पहले हुई राम सजीवन और उसकी पत्नी शांति देवी की हत्या में अभियुक्त भुवर, लिटिल, देवी लाल, रामू, बड़े और कुलदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला जज पूनम निगम की कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है। शुक्रवार को यह फैसला सुनाए जाने के बाद सभी मुजरिमों को नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। एक अभियुक्त बनवारी लाल की मौत हो गई है। इसलिए उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई।

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यह सनसनीखेज वारदात चार जनवरी 2015 को झूंसी में हुई थी। एफआइआर के मुताबिक, रामसजीवन और उसकी पत्नी शांति देवी रात 10 बजे भोजन कर सोने चले गए। इसी दौरान अभियुक्त उनके घर में घुसे और लोहे की रॉड व लाठी से पीटकर रामसजीवन मार डाला। शोर मचाने पर पत्नी शांति को भी बेरहमी से पीटा। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि के निर्देशन में सहायक शासकीय अधिवक्ता राहुल मिश्रा ने 11 गवाहों को पेश कर आरोप साबित किया। बचाव पक्ष की ओर से फर्जी ढंग से फंसाने की बात कही गई। शासकीय अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि भुवर की बहन को रामसजीवन का बेटा बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। इसी रंजिश में अभियुक्तों ने एकराय होकर दंपती की हत्या की थी। उभयपक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने निष्कर्ष में पाया कि अभियुक्तगण दोहरे हत्याकांड के दोषी हैं। सुनवाई के दौरान सभी अभियुक्त कोर्ट में मौजूद थे।

मासूम बच्ची से दुष्कर्म व हत्या में उम्रकैद

सात साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म व हत्या करने के मामले में राकेश यादव निवासी सरायइनायत को उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया है। शुक्रवार को उपरोक्त फैसला पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश एके शुक्ला ने सुनाया। यह सजा आरोपित के जीवित रहने तक चलेगी। सरायइनायत थाने में दर्ज एफआइआर के मुताबिक, एक शख्स अपनी बच्ची के साथ सकौड़ा की दुकान था। राकेश बच्ची को बिस्किट दिलाने के बहाने ले गया और वापस नहीं आया। बच्ची मृत अवस्था में मिली। सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने गवाहों को पेशकर आरोप साबित किया।


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