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गलवन में वीरगति प्राप्‍त जवानों के लिए संगम तट पर श्राद्ध Prayagraj News

साल भर के भीतर सीमा पर वीरगति प्राप्त अज्ञात सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए भी पिंडदान व तर्पण हुआ। वरिष्ठ तीर्थपुरोहित भरतजी शर्मा ने मंत्रोच्चार के साथ श्राद्ध कर्म कराया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 02:29 PM (IST)
गलवन में वीरगति प्राप्‍त जवानों के लिए संगम तट पर श्राद्ध Prayagraj News
गलवन में वीरगति प्राप्‍त जवानों के लिए संगम तट पर श्राद्ध Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। संगम की रेती गुरुवार को पितृमोक्ष अमावस्या तिथि पर अनूठे अनुष्ठान की साक्षी बनी। तीर्थ पुरोहितों ने देश की सीमाओं की रक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले ज्ञात-अज्ञात जवानों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान-तर्पण किया। तीर्थ पुरोहित गंगा महासभा के बैनर तले यह श्राद्ध कर्म संपादित किया गया। गलवन में जान गंवाने वाले कर्नल संतोष बाबू व बिहार रेजीमेंट के अन्य जवानों के चित्रों का बैनर भी लगाया गया था। 

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वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को नमन कर उनका श्राद्ध

जिन मृतकों की तिथि ज्ञात नहीं होती, अमावस्या तिथि पर उनका भी श्राद्ध करने का विधान है। इसी मान्यता के अनुरूप तीर्थ पुरोहितों ने गलवन घाटी में 15/16 जून की रात चीन के सैनिकों से हुई झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए 20 जवानों को नमन कर उनका श्राद्ध किया। साल भर के भीतर सीमा पर वीरगति प्राप्त अज्ञात सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए भी पिंडदान व तर्पण हुआ। वरिष्ठ तीर्थपुरोहित भरतजी शर्मा ने मंत्रोच्चार के साथ श्राद्ध कर्म संपादित कराया। महासभा के महामंत्री धीरज शर्मा ने संकल्प लेकर विधि-विधान से पिंडदान किया। इससे पहले शांति पाठ हुआ।

देश के रक्षक ही हमारे असली हीरो

धीरज शर्मा का कहना था कि सेना के जवानों का जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। देश के रक्षक ही हमारे असली हीरो हैं। दुर्गम इलाकों में उनकी मुस्तैदी की बदौलत ही हम शांति से सोते हैैं। महासभा के अध्यक्ष हीरामणि भारद्वाज ने कहा कि अब हर साल पितृपक्ष अमावस्या तिथि पर वीरगति प्राप्त जवानों के निमित्त संगम तट पर पिंडदान व तर्पण होगा। श्राद्ध कर्म के दौरान श्यामजी मिश्र, ललनजी पांडेय, विमल शर्मा, मुरारी पांडेय, कल्लू नागराज, पंकज शर्मा, विशाल, गोविंद मिश्र, प्रकाशानंद की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।


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