इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में नए सत्र से दूर हो जाएगा शिक्षकों का टोटा Prayagraj News
इविवि प्रशासन ने शिक्षकों के 558 पदों के लिए 23 अप्रैल 2019 को विज्ञापन जारी किया था जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर के 336 एसोसिएट प्रोफेसर के 156 और प्रोफेसर के 66 पद थे।
प्रयागराज,जेएनएन । इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में अगले शैक्षणिक सत्र 2020-21 से शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नौ महीने से भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। रोक हटने से शिक्षक संगठनों के अलावा अभ्यर्थियों ने खुशी जताई है।
इविवि में शिक्षकों के 550 और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के 530 पद रिक्त हैं
दरअसल, इविवि में वर्तमान में विभिन्न विभागों में तकरीबन 327 शिक्षक कार्यरत हैं। लंबे समय से शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली पड़े थे। इविवि प्रशासन ने शिक्षकों के 558 पदों के लिए 23 अप्रैल 2019 को विज्ञापन जारी किया था जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर के 336, एसोसिएट प्रोफेसर के 156 और प्रोफेसर के 66 पद थे। 22 मई तक आवेदन लिए गए। स्क्रीनिंग प्रक्रिया भी शुरू हो गई लेकिन जून में भर्ती में अनियमितता की शिकायत पर मंत्रालय ने भर्ती पर रोक लगा दी। इविवि अध्यापक संघ (ऑटा) ने कई बार मंत्रालय को पत्र भी लिखा। वहीं रोक का मामला चार दिसंबर 2019 को राज्यसभा में भी गूंजा था। मंत्रालय में दायित्व ग्रहण करते ही नए शिक्षा सचिव ने नियुक्तियों को पुन: आरंभ करने की मंजूरी दे दी। ऐसे में नए सत्र में शिक्षकों का टोटा दूर होने के आसार हैं। इविवि के पीआरओ डॉ. चित्तरंजन कुमार ने बताया कि नियुक्तियों पर लगी रोक हटाने की सकारात्मक पहल के लिए मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं। इविवि में शिक्षकों के 550 और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के 530 पद रिक्त हैं।
बिना मानदेय अतिथि प्रवक्ता बने हैं खेवनहार
इविवि के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के आने के बाद शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। लगभग सभी कॉलेजों में शिक्षकों के पद पर नियुक्ति हो गई लेकिन इविवि में कला, वाणिज्य, विधि और विज्ञान संकाय में शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त हैं। फिलहाल इनके खेवनहार अतिथि प्रवक्ता बने हैं लेकिन उन्हेंं भी अभी तक मानदेय नहीं मिला।
खबर मिली तो दौड़ पड़ी खुशी की लहर
शिक्षक भर्ती से रोक हटने की खबर मिलते ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इविवि अध्यापक संघ (ऑटा) और इविवि संघटक महाविद्यालय संघ (ऑक्टा) ने मंत्रालय को पत्र भेजकर धन्यवाद ज्ञापित किया। ऑटा के महामंत्री प्रो. शिव मोहन प्रसाद और ऑक्टा के महामंत्री डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह अनुमति उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो विवि को तहस-नहस करने में लगे थे। गांधी भवन में डॉ. राजेश सिंह की अध्यक्षता में बैठक के दौरान डॉ. अखिलेश पाल, डॉ. रजनीश पांडेय, डॉ. राजेश द्विवेदी, अरुणेश दत्त त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।