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काल्विन अस्पताल में किडनी गायब होने का प्रकरण, अब एसजीपीजीआइ लखनऊ में होगी पुष्टि Prayagraj News

काल्विन में मरीज के किडनी निकालने का आरोप है। यहां बनी जांच कमेटी ने पल्ला झाड़ लिया है। अब जांच के लिए पीडि़त हरिकेश को सरकारी एंबुलेंस से एसजीपीजीआइ लखनऊ भेजा जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 02:14 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 04:44 PM (IST)
काल्विन अस्पताल में किडनी गायब होने का प्रकरण, अब एसजीपीजीआइ लखनऊ में होगी पुष्टि Prayagraj News
काल्विन अस्पताल में किडनी गायब होने का प्रकरण, अब एसजीपीजीआइ लखनऊ में होगी पुष्टि Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। काल्विन अस्पताल में किडनी निकालने की जांच के लिए जो कमेटी गठित की गई थी उसने पल्ला झाड़ लिया है। अब इस मामले की पुष्टि के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआइ (संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यट ऑफ मेडिकल साइंसेज) को पत्र भेजा गया है। सरकारी एंबुलेंस से पीडि़त हरिकेश को लखनऊ भेजा जाएगा, वहां जांच के साथ इलाज भी हो सकेगा।

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स्टोन के साथ मरीज की किडनी भी निकालने के आरोप पर जांच कमेटी बनी थी

बीते माह गुलाबबाड़ी अटाला निवासी मथुरा प्रसाद ने काल्विन अस्पताल के एक सर्जन पर बेटे की किडनी निकालने का आरोप लगाया था। कहा था कि स्टोन निकालने के साथ उनके बेटे हरिकेश की किडनी भी निकाली गई है। हंगामे के बाद सीएमओ ने जांच के लिए तीन डॉक्टरों की टीम (डॉ. अनिल संथानी, डॉ. शबी अहमद व डॉ. अमित श्रीवास्तव) गठित की थी और तीन दिन में रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि जांच कमेटी ने पल्ला झाड़ते हुए उसे एसजीपीजीआइ लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था। वहां उसे भर्ती नहीं किया और अंत में हरिकेश अपने घर वापस आ गया।

दैनिक जागरण में छपी खबर को संज्ञान में लेकर सीएमओ ने लिखा पत्र

'किडनी की हकीकत का पता नहीं लगा सकी जांच कमेटी' शीर्षक से दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित की। इसके बाद सीएमओ ने एसजीपीजीआइ लखनऊ के यूरोलाजी डिपार्टमेंट को पत्र भेजकर हरिकेश को भर्ती करने व किडनी की जांच करने का अनुरोध किया।

हरिकेश का होगा रिनल स्कैन

जांच कमेटी में शामिल डॉ. अमित श्रीवास्तव व डॉ. शबी अहमद के मुताबिक, पीजीआइ में यूरोलाजी विभाग है। वहां मरीज का रिनल स्कैन होने के बाद तस्वीर साफ हो सकेगी। इसमें यह पता लगेगा कि कैप्सूल (किडनी के बाहर का कवर) है या नहीं। क्योंकि यदि किडनी निकाली गई होगी तो उसके साथ कैप्सूल भी निकलता है। यदि किडनी इंफेक्शन की वजह से नष्ट हुई होगी तो वह कैप्सूल उसमें पड़ा रहता है।


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