Coronavirus संक्रमण के बीच खिलाडिय़ों का चयन ऑनलाइन किया जाएगा Prayagraj News
शिक्षा निदेशक (बेसिक) की तरफ से निर्देशित किया गया है कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य अपने विद्यालय की ईमेल के जरिए खेलो इंडिया एप पर पंजीकरण कराएं।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना काल में तमाम चीजें बदल रही हैं। खिलाडिय़ों के चयन व उनकी फिटनेस जांचने का तरीका भी बदल रहा है। 'खेलो इंडिया' के तहत स्कूलों की खेलकूद प्रतियोगिताओं में खिलाडिय़ों का चयन ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसके लिए सभी विद्यालयों को खेलो इंडिया एप पर पंजीयन कराना होगा।
कोरोना के चलते सभी विद्यालय बंद हैं। इस दौरान स्कूलों में होने वाले खेलकूद भी नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए शिक्षा निदेशक (बेसिक) की तरफ से निर्देशित किया गया है कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य अपने विद्यालय की ईमेल के जरिए खेलो इंडिया एप पर पंजीकरण कराएं। इस एप के जरिए बच्चों का फिटनेस विवरण उस एप पर भेज दें। फिर उसके जरिए बच्चों का खेलों में चयन किया जाएगा। बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि खेलो इंडिया एप पर विद्यालयों के पंजीकरण के संदर्भ में दिशा निर्देश मिले हैं। जल्द ही सभी विद्यालयों को इससे जुड़वाने का प्रयास किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों की फिटनेस संबंधी तैयारी हो सके।
विद्यार्थियों को करना होगा अभ्यास
छात्र-छात्राओं की दक्षता जांचने के लिए अभिभावक से कहा जाए कि वे बच्चों को 100 मीटर दौड़, कूद न्यूनतम एक मीटर, शटल रेस (60 मीटर के छह चक्कर), गेंद फेंकना (मेडिसिन बॉल) एक किलो वजन फेंकने का अभ्यास कराएं। इससे उनकी फिटनेस बनी रहेगी साथ ही निरंतर अभ्यास से प्रदर्शन भी बेहतर होगा। पांच से आठ वर्ष तक के बच्चों के लिए बीएमआइ टेस्ट, प्लेट टेपिंग टेस्ट, फ्लेमिंगो बैलेंस टेस्ट निर्धारित है जब कि नौ से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए बीएमआइ टेस्ट, स्ट्रेंथ कोर टेस्ट, फ्लेक्सिबिलिटी टेस्ट, एंडूरेंस टेस्ट, स्पीड टेस्ट तय है।
अभिभावक भी कर सकते हैं एप पर लॉग इन
खेलो इंडिया एप पर विद्यार्थी की आयु और दक्षता संबंधी जानकारी पुष्टि के बाद ही उपलब्ध कराई जाएगी। उसे अभिभावक भी देख सकते हैं। उसके लिए उन्हें एप डाउन लोड करने के साथ ही लॉग-इन करना होगा।
शिक्षक बोले, यह योजना काफी कारगर
टीचर्स गेम्स वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रदेश सचिव आशुतोष सिंह ने बताया कि खेल विभाग की यह योजना काफी कारगर साबित होगी। इससे खिलाडिय़ों की फिटनेस जांचने के साथ ही यह भी पता चलेगा कि बच्चे में वास्तव में खेलने की क्षमता है या नहीं। एबीआइसी के खेल शिक्षक रवींद्र मिश्र ने बताया कि कोरोना काल में चीजें ऑनलाइन होने से काफी मदद मिलेंगी। इसमें अभिभावकों को भी सक्रिय भागीदारी करनी होगी। एप पर मौजूद डाटा से खेल विभाग खिलाडिय़ों पर आसानी से फोकस कर सकेगा।