यूपी बेसिक शिक्षा का कमाल, 309 पदों पर बीईओ चयन; वहीं 112 पदों को समाप्त करने का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 16 अगस्त को 309 पदों पर खंड शिक्षा अधिकारियों के चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। दूसरे ही दिन 17 अगस्त को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इस संवर्ग के 112 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव भेजा।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने 16 अगस्त को 309 पदों पर खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। दूसरे ही दिन 17 अगस्त को महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इस संवर्ग के 112 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव भेजा। इन पदों को युक्ति संगत करने पर शासन सहमत हुआ लेकिन, इतने पदों को खत्म करने से इनकार कर दिया। आदेश दिया गया कि इन पदों को रिक्त रखा जा सकता है।
इस पत्राचार से हर कोई हैरान है कि आखिर जब एक ओर रिक्त पदों के लिए चयन हो रहा है तो फिर उन्हीं पदों को खत्म करने का प्रस्ताव क्यों? यदि यह करना ही था चयन का अधियाचन भेजने से पहले क्यों नहीं हुआ? चयनित होकर जब अभ्यर्थी आएंगे तो उन्हें कहां रखा जाएगा? वहीं कैबिनेट से स्वीकृत पदों को शासन या विभाग रिक्त कैसे रख सकता है?
बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों खंड शिक्षा अधिकारियों का चयन करा रहा है। इस पद की नियमावली न होने व विज्ञापन में संवर्ग को समूह ग लिखने पर पहले से नाराजगी है। अब 112 पदों का रिक्त रखने के आदेश से खंड शिक्षा अधिकारी आहत हैं। उनका कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी के 1031 पदों को स्वीकृति फरवरी 2009 की कैबिनेट ने दी थी। उसी आधार पर 14 जुलाई 2011 को संवर्ग के पुनर्गठन का शासनादेश जारी हुआ।
उस समय 71 जिलों में बीएसए कार्यालय पर एक पद, 820 विकासखंड में एक-एक, 12 महानगरों में चार-चार पद, अन्य 58 नगरों में एक-एक, 17 मंडल मुख्यालयों पर उर्दू व संस्कृत उप शिक्षा निदेशक कार्यालय में एक-एक पद तय हुआ था। नौ साल बाद प्रदेश में जिला मुख्यालय, महानगर, नगर आदि सब बढ़ गए हैं, फिर भी पद खत्म करने का प्रस्ताव भेजा गया। वह भी उस समय जब रिक्त पदों के सापेक्ष चयन चल रहा है।
निदेशक का आदेश जारी : बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने तीन दिसंबर को आदेश दिया कि हर जिले के नगर क्षेत्र के लिए केवल एक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय होगा। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगर इकाईयों के स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी के अधीन होंगे। यह कदम शासन के 15 सितंबर के आदेश पर उठाया गया।
आदेश का स्वागत, पद रिक्त रखना ठीक नहीं : खंड शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार शुक्ल कहते हैं कि 112 पदों को खत्म न करने का निर्णय स्वागत योग्य है लेकिन, शासन इन पदों को रिक्त नहीं रख सकता। यह कैबिनेट ही तय करेगा। शासन फिर से विचार करे।