मौसम का मिजाज बदलता देख किसानों ने हार्वेस्टर से शुरू की कटाई
खरीफ की मुख्य फसल धान की कटाई एवं मड़ाई किसानों ने लगभग 60 फीसद तक कर ली है। क्षेत्र के कई किसानों की धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है या फिर पक रही हैं। किसानों ने मौसम का मिजाज बदलते देख आनन-फानन में क्षेत्र में मशीनों की खोज करके कटवाना शुरू कर दिया है।
सहसों : खरीफ की मुख्य फसल धान की कटाई एवं मड़ाई किसानों ने लगभग 60 फीसद तक कर ली है। क्षेत्र के कई किसानों की धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है या फिर पक रही हैं। किसानों ने मौसम का मिजाज बदलते देख आनन-फानन में क्षेत्र में मशीनों की खोज करके कटवाना शुरू कर दिया है।
क्षेत्र के भोपतपुर, सिगरामऊ, जगबंधनपुर, कसेरूआ कला सहित कई गांव के किसानों ने हार्वेस्टर से धान की कटाई व मड़ाई कर फसलों को घर ले जाने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है। भोपतपुर गांव निवासी किसान महेश पांडेय का कहना है कि धान की कटाई मशीन से हो जाने पर यदि बरसात हुई तो वह अगली फसल बारिश के पानी से ही जुताई व बुवाई कर लेंगे। इससे उनकी आíथक बचत हो जाएगी। इसी प्रकार सेमरी गांव के किसान हनुमंत सिंह, रामसजीवन, मानिक चंद्र पटेल, सुरेंद्र बहादुर तथा राम सिंह यादव, थानापुर गांव के किसान रामजी सिंह, अखंड प्रताप सिंह, त्रियुगीनारायण द्विवेदी आदि किसानों का कहना है कि धान की फसल शीघ्र कटवा कर रबी की मुख्य फसल गेहूं तथा आलू की तैयारी में भी मशीनों के कटवाने से फायदा होगा तथा मौसम की मार से भी वह लोग बच जाएंगे।
धान की कटाई में देरी, क्रय केंद्र में लटक रहा ताला
जारी : विकास खंड जसरा के जारी गल्ला समिति में अभी तक धान की खरीद शून्य है। कारण अभी धान कटाई न होना बताया जा रहा है। केंद्र पर ताला लटक रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारी 15 नवंबर के बाद धान की खरीद शुरू होने का दावा कर रहे है। उनका तर्क है कि अभी किसान धान की कटाई में जुटा है। किसानों की सुविधा के लिए जारी बाजार में एक धान क्रय केन्द्र खोला गया है। केन्द्रों पर कहीं बोर्ड नहीं लगा है। 28 फरवरी तक खरीद अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। शासन का आदेश था इसलिए सूचना भेज दी गई। खेतों में फंसे हुए है। उनका धान जब तैयार हो जाएगा तभी केन्द्र पर आएंगे।