अवैध टेलीफोन एक्सचेंज : शातिरों का आतंकी कनेक्शन तलाश रही सुरक्षा एजेंसियां
मऊआइमा में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने वाले शातिर युवकों काे पुलिस ने पकड़ा है। उनका आतंकी कनेक्शन भी तलाशने में सुरक्षा एजेंसियां जुटी हैं।
प्रयागराज : अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने वाले शातिर युवकों का आतंकी कनेक्शन भी तलाशने में सुरक्षा एजेंसियां जुटा रही हैं। मास्टर माइंड मो. जफर और आसिफ के दोस्त भी रडार पर आ गए हैं। उनके बारे में खुफिया एजेंसी अपने स्तर पर जुटा रही हैं। बता दें कि खुफिया जानकारी पर मऊआइमा में पुलिस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले चार लोगों को पकड़ लिया था। वह पाकिस्तान और खाड़ी देशों में बात कराते थे।
सऊदी में जफर को इंटरनेशनल कॉल कराने की हुई जानकारी
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि जाकिर कई साल से सउदी अरब में रहा है। कुछ साल पहले ही उसने अपने बेटे जफर को सऊदी बुलवाया था। वहां ही जफर को इंटरनेशनल कॉल कराने के बारे में जानकारी हुई थी। इसके बाद वह वापस मऊआइमा आया और फिर निजी कॉलेज से बीटेक पास करने वाले आसिफ से संपर्क करके सेटअप तैयार किया। जफर ने गेटवे कॉल टर्मिनेटर सिम बॉक्स समेत अन्य उपकरण भी करीब 10 लाख रुपये में ऑनलाइन मंगवाया था।
आखिर कौन करता था इनकी मदद
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विदेश में बैठे कौन लोग इनकी मदद करते थे। रोजाना लगभग छह सौ कॉल आती-जाती थी। ऐसे में कॉल करने वालों में किस तरह के और कौन लोग शामिल हो सकते हैं, इसकी छानबीन भी की जा रही है। कॉलर किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हैं। अभी तक हवाला कारोबारियों व संदिग्ध गतिविधि वाले लोगों के बारे में पता चला है। करीब दो साल पहले फाफामऊ में पकड़े गए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से भी इनका कनेक्शन तलाश जा रहा है।
अभियुक्तों के करीबियों की प्रोफाइल तलाशी जा रही
फिलहाल अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ करने वाले लखनऊ के स्पेशल टीम के ऑफीसर पीके सिंह, दिनेश कुमार और इंस्पेक्टर मऊआइमा अरुण कुमार चतुर्वेदी, एसआइ रामकेवल यादव और अरविंद यादव अपनी टीम के साथ अभियुक्तों के करीबियों की प्रोफाइल भी खंगाल रहे हैं।
वीओआइपी के जरिए करते थे कॉल
शातिर युवक वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) के जरिए इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में बदलने के लिए टीपी स्मार्ट, टईब कॉल, आइटेल प्लस और ए-वन डॉयलर मोबाइल एप का प्रयोग करते थे। पाकिस्तान, खाड़ी देश और यूरोप में बात कराने के लिए अलग-अलग सिम कार्ड व बाउचर भी प्रयोग करते थे। दूसरे देश से आने वाली कॉल को देश के हर कोने में ट्रांसफर भी करते थे। हर पांच घंटे में सिमकार्ड बदलते थे। एक मिनट की कॉल से काफी फायदा होता था, जिससे रोजाना रोजाना लगभग 50 हजार रुपये कमाते थे।
आसान नहीं था इंटरसेप्ट करना
खुफिया एजेंसी का दावा है कि जिस तकनीक से शातिर अवैध एक्सचेंज चला रहे थे, उसे इंटरसेप्ट करना आसान नहीं था। इंटरनेशनल कॉल भारत में लगे गेटवे से गुजरते ही नहीं थे, जिस कारण उसे पकड़ा नहीं जा सकता था। अचानक नेट ट्रैफिक की समस्या ज्यादा हुई तो अवैध एक्सचेंज के बारे में सुराग लग सका।
इंस्पेक्टर अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि मकान मालिक की भूमिका की जांच की जा रही है। मुकदमे की विवेचना में मिलने वाले तथ्य के आधार पर धारा बढ़ाई जाएगी।
यह हुए गिरफ्तार
- मो. आसिफ पुत्र मो. जब्बार निवासी बसरही, मऊआइमा, प्रयागराज।
- सोनू खान पुत्र जाकिर खान निवासी बसरही, मऊआइमा, प्रयागराज।
- नदीम अहमद पुत्र इरशाद अहमद निवासी गौराडीह, आजमगढ़।
- मो. माबद पुत्र असलम निवासी दादूपुर, रानीगंज, प्रतापगढ़।
यह है फरार
- मो. जफर पुत्र जाकिर निवासी मऊदोस्तपुर, मऊआइमा, प्रयागराज।