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जागरण पड़ताल : रेलवे में एक रुपए में पानी पिलाने की योजना धराशायी

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By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 10:40 PM (IST)
जागरण पड़ताल : रेलवे में एक रुपए में पानी पिलाने की योजना धराशायी
जागरण पड़ताल : रेलवे में एक रुपए में पानी पिलाने की योजना धराशायी

जागरण पड़ताल : रेलवे में एक रुपए में पानी पिलाने की योजना धराशायी

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फोटो -

- 2016 में जंक्शन पर हुई थी इसकी शुरुआत

- लाकडाउन में हुआ बंद, महंगे दामों में दुकानों से पानी खरीद रहे यात्री

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कभी रेलवे स्टेशन पर एक रुपए में पानी मिल जाता था, लेकिन रेलवे की यह सुविधा अब धराशायी हो गई है। वाटर एटीएम खस्ताहाल में हैं, जल निकासी स्थल धूल फांक रहे हैं, मशीन के अंदर कपड़े, झाडू और गंदगी भरी हुई है। इनकी हालत महीनों से इसी तरह से बनी हुई है और इनकी सुध लेने वाला अब कोई नहीं है। जंक्शन पर आठ वाटर एटीएम लगाए गए थे, यात्रियों को सुविधा भी मिलने लगी थी। यात्री दुकानों पर 15 रुपए में पानी की बोतल खरीदने के बजाय वाटर एटीएम से पानी ले लेते थे। लेकिन, कोरोना काल के दौरान बंद हुई यह सुविधा दोबारा नहीं शुरू हो सकी। जंक्शन पर हालात यह है कि वाटर एटीएम धूल फांक रहे हैं। अधिकांश को कूड़ा घर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे वाटर एटीएम पर आज भी उसके उद्घाटन के दौरान लगाई गई चमचमाती शिलापट्ट लगी है। जिसमें लिखा है कि इसका उद्घाटन तत्कालीन सांसद केशव प्रसाद मौर्य व श्यामा चरण गुप्ता ने पांच सितंबर 2016 को किया था, लेकिन इसके अलावा इसकी बदहाल स्थिति यात्रियों को अब चिढ़ाती है। वाटर एटीएम के जंक्शन पर बेहद खराब प्रदर्शन के चलते इन पर रेलवे का लंबा बकाया हो चुका है और इनकी टेंडर अवधि खत्म हो गई है। ऐसे में अब इन एटीएम के दोबारा शुरू होने की संभावना नहीं है। क्या थी व्यवस्था वाटर एटीएम के माध्यम से यात्री एक रुपये में 300 एमएल, तीन रुपए में 500 एमएल और पांच रुपये में एक लीटर, आठ रुपए में दो लीटर व 20 रुपए में पांच लीटर मिनरल वाटर प्राप्त करते थे। इससे गरीब यात्रियों को स्वच्छ व ठंड पेयजल आसानी से कम पैसे में मिल जाता था। लेकिन, अब वाटर एटीएम बंद होने से यात्रियों को महंगे दामों में ही पानी खरीदना होगा।

आईआरसीटीसी दे रही थी व्यवस्था

आईआरसीटीसी ने जंक्शन पर आठ वाटर एटीएम लगाए गए थे। इनका संचालन प्राइवेट कंपनी करती थी। मार्च 2020 में कोरोना लाकडाउन शुरू हुआ तो वाटर एटीएम बंद हुए। अब यात्री सुविधाएं फिर से बहाल होने लगी, लेकिन वाटर एटीएम दोबारा नहीं खुल सके। रेलवे सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने वाटर एटीएम चलाने में हाथ खड़ा कर दिया है और अब कंपनी पर लंबा बकाया भी है।

हटाए जाएंगे वाटर एटीएम

रेलवे प्लेटफार्म पर लगे वाटर एटीएम बंद होने के बाद अब इन्हें हटाए जाने पर रेलवे विचार कर रहा है। संभावना है कि माह के अंत तक रेलवे इस पर फैसला लेगा। जब तक वाटर एटीएम को लेकर कोई दूसरा टेंडर नहीं होता और किसी नई कंपनी को वाटर एटीएम चालने की जिम्मेदारी नहीं मिलती तब तक स्टेशन पर लोगों को महंगे दाम में ही पानी खरीद कर पीना पड़ेगा।


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