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Sarojini Naidu Pediatric Hospital: अब बच्‍चों का इलाज योग्‍य व अनुभवी डॉक्‍टरों से कराना होगा आसान

Sarojini Naidu Pediatric Hospital स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की ओपीडी में शिशु रोग के चिकित्सक नहीं हैं। अपने बच्चों को लेकर लोग एसआरएन जाते हैं लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। फिर किसी निजी अस्पताल में ले जाना पड़ता है जहां सैकड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 10:19 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 10:19 AM (IST)
Sarojini Naidu Pediatric Hospital: अब बच्‍चों का इलाज योग्‍य व अनुभवी डॉक्‍टरों से कराना होगा आसान
चिल्‍ड्रेन हॉस्पिटल को स्‍वरूपरानी नेहरू अस्‍पताल में शिफट करने की तैयारी है।

प्रयागराज, जेएनएन। बच्चों की बीमारी का इलाज योग्य और अनुभवी डॉक्टरों से कराना अब आसान होगा। क्योंकि चिल्ड्रेन अस्पताल नए रूप और सुविधाओं के साथ स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल परिसर में ही होगा। परिसर में अस्पताल का निर्माण बड़ी तेजी से हो रहा है, वहां वर्तमान चिल्ड्रेन अस्पताल से अधिक चिकित्सा तकनीक और मशीनें भी रहेंगी।

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स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की ओपीडी में शिशु रोग के चिकित्सक नहीं हैं। अपने बच्चों को लेकर लोग एसआरएन जाते हैं लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। फिर किसी निजी अस्पताल में ले जाना पड़ता है जहां सैकड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। चिल्ड्रेन अस्पताल को एसआरएन अस्पताल परिसर में शिफ्ट करने का उद्देश्य यही है कि सभी वर्ग के लोगों को अपने बच्चों के लिये अच्छे डॉक्टर मिल सकें और इलाज भी सस्ते में हो जाये।

तीमारदारों को मिलेगा फायदा

सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय अभी कमला नेहरू अस्पताल से भी आगे है। वहां शहर से कम लोग ही जा पाते हैं। अस्पताल में ओपीडी कक्ष भी कम हैं और इमरजेंसी में भी सुविधाएं काफी कम हैं। इसकी शिफ्टिंग एसआरएन परिसर में हो जाने पर लोगों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि वहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से प्रत्येक दिन दो से ढाई हजार लोग आते हैं।

चिल्ड्रेन अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर मुकेश वीर सिंह ने बताया कि इसी साल एसआरएन परिसर में शिफ्टिंग हो सकती है। बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है, एसआरएन अस्पताल में चिल्ड्रेन अस्पताल हो जाने से एक फायदा यह भी मिलेगा की जांच के लिये बीमार बच्चों के अभिभावकों को इधर उधर भागना नहीं पड़ेगा।


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