पॉलीथिन की खरीद फरोख्त पर रोक बेअसर
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने 15 जुलाई से पॉलीथिन को पूरी तरह से बैन करने का आदेश तो सुना
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने 15 जुलाई से पॉलीथिन को पूरी तरह से बैन करने का आदेश तो सुना दिया, लेकिन जिले में इसका अमल बेहद कम है। दो एक दिन अभियान चलाने के बाद नगर निगम से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक शांत बैठ गए हैं। ऐसे में पॉलीथिन निर्माण से लेकर उसकी खरीद फरोख्त का काम जारी है।
शहर में बड़े पैमाने पर पॉलीथिन का इस्तेमाल होता है। पॉलीथिन की सप्लाई मध्यप्रदेश के रास्ते से भी होती है और नैनी में कई फैक्ट्रियों में निर्माण का काम भी चल रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन फैक्ट्रियों को बंद नहीं करा पा रहा है। हालांकि दो तीन दिन तक नगर निगम ने अभियान चलाया तो उसका असर शहर में दिखने लगा था। ईको फ्रैंडली बैग और कागज के लिफाफे भी इस्तेमाल किए जाने लगे थे, लेकिन अफसरों की ढिलाई से सब कुछ पुराने ढर्रे पर लौट गया।
पॉलीथिन का इस्तेमाल रोकने के लिए अभी तक प्रशासन के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न ही संबंधित विभागों के बीच कोई समन्वय स्थापित करने का काम किया गया है।फाफामऊ कस्बे में प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग सामानों की बिक्री में बेरोक टोक दिया गया। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार का अंकुश न लगाने के चलते लोगों पर कोई असर नहीं दिखाई दिया। दुकानदार पॉलीथिन में सामान बेचते रहे। किराना की दुकान से लेकर फल-सब्जी क े ठेले पर पॉलीथिन में सामानों को रखकर ग्राहकों को पकड़ाया गया। इस बारे में नगर निगम के नगर आयुक्त अविनाश सिंह कहते हैं कि रोक का असर पड़ा है, लेकिन पूरी तरह पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद करने के लिए अभी और व्यापक कार्रवाई की जरूरत है।