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टिड्डी दल को अधिक ध्वनि वाले यंत्र बजाकर खेतों से भगाएं Prayagraj News

किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपरिक उपाय जैसे शोर मचाकर अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर अपने खेत से टिड्डी दलों को भगा सकते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:18 PM (IST)
टिड्डी दल को अधिक ध्वनि वाले यंत्र बजाकर खेतों से भगाएं Prayagraj News
टिड्डी दल को अधिक ध्वनि वाले यंत्र बजाकर खेतों से भगाएं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में टिड्डी कीट का प्रकोप झांसी तक पहुंच चुका है। यहां से ये टिड्डियों का दल आगे बढेगा। अभी खरीफ फसल की बुवाई शुरू भी नहीं हुई है। लेकिन, इनका आतंक कई क्षेत्रों में जायद की फसल उर्द, मूंग समेत अन्य पेड़ों को चंद मिनटों में खत्म कर रहा है। पडोसी जनपद कौशांबी जिले में कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को टिडडी से निपटने के उपाय बताए हैं।

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केंद्र व राज्‍य सरकार ने टिडडी दल से बचाव व रोकथाम को दिए निर्देश

  केंद्र व राज्य सरकार ने टिड्डी से बचाव और रोकथाम के लिए समुचित उपाय के लिए विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज सिंह और टिड्डी कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी मनोज गौतम किसानों को सलाह दें रहे हैंं कि वे अपने स्तर पर समूह बनाकर खेतों में रात में निगरानी करें।

टिड्डी दल दिखे तो कंट्रोल रूम नंबर 9455213794 पर दें सूचना

शाम सात से रात नौ बजे के बीच टिड्डी दल रात्रि विश्राम के लिए कहीं भी बैठ सकता है। टिड्डी दल जैसे ही दिखाई दे, सबसे पहले प्रशासन और कृषि विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 9455213794 पर सूचना दें। किसान भाई टोली बनाकर विभिन्न तरह के पारंपरिक उपाय जैसे शोर मचाकर, अधिक ध्वनि वाले यंत्रों को बजाकर अपने खेत से टिड्डी दलों को भगा सकते हैं। टिड्डी दल से बचाव के लिए रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग सुबह तीन से छह बजे तक करें।

इन कीटनाशक दवाओं का करें प्रयोग

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज सिंह ने बताया कि क्लोरपायरिफास 20 ईसी और क्लोरोपायरीफास, 40 ईसी मैलाथियान 96 प्रतिशत, ईसी फिप्रोनिल पांच प्रतिशत प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर ट्रैक्टर चालित स्प्रे पंप (पावर स्प्रेयर) से छिड़काव करें। टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशक दवा उपलब्ध न हो तो ट्रैक्टर चलित पावर स्प्रे के पानी के तेज बौछार से भी टिड्डी दल को भगाया जा सकता है।


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