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RSS thinker KN Govindacharya : अब जरूरी हो गया है गो संरक्षण मंत्रालय Prayagraj News

RSS thinker KN Govindacharya ने कहा कि गाय गंगा गायत्री जल जंगल और जमीन इस धरा के मूल प्राण तत्व हैं। इनका संरक्षण मानव सभ्यता को बचाए रखने के लिए आवश्यक है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 04:14 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 04:47 PM (IST)
RSS thinker KN Govindacharya : अब जरूरी हो गया है गो संरक्षण मंत्रालय Prayagraj News
RSS thinker KN Govindacharya : अब जरूरी हो गया है गो संरक्षण मंत्रालय Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री एवं आरएसएस के विचारक केएन गोविंदाचार्य इन दिनों प्रयागराज में अध्ययन प्रवास पर हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रकृति केंद्रित विकास पर चर्चा की। इससे पूर्व स्व.प्रो. दीनानाथ शुक्ल को श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन शशांक शेखर पांडेय ने किया। फेसबुक लाइव में केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि गाय, गंगा, गायत्री, जल, जंगल और जमीन इस धरा के मूल प्राण तत्व हैं। इनका संरक्षण किया जाना ही मानव सभ्यता को बचाए रखने के लिए आवश्यक है। गोवंश हत्याबंदी कानून लागू करने व गोसंरक्षण मंत्रालय बनने पर भी बल दिया। कहा, एक मनुष्य पर एक गोवंश का लक्ष्य रखकर विकास की ओर चलना चाहिए।

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 गंगा की अविरलता, निर्मलता के लिए प्राकृतिक प्रवाह सुनिश्चित किया जाय

गंगा की अविरलता, निर्मलता के लिए प्राकृतिक प्रवाह सुनिश्चित किया जाय। 70 प्रतिशत पानी प्रवाह में हमेशा रहे। गंगाजी की बाढ़ के उच्चतम स्तर के दोनो तरफ एक एक किमी जमीन गंगाजी की जमीन मानी जाय। इसे रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। प्रकृतिविध्वंस या प्रकृति को नुकसान पहुंचाने पर कड़े दंड की व्यवस्था करना अब जरूरी हो चुका है। यदि कहीं प्रकृति का संरक्षण हो तो उसे प्रोत्साहित भी किया जाए। जमीन, जंगल के स्वामित्व के अधिकार की पुनर्समीक्षा किए जाने की जरूरत है। जल संरक्षण के लिए जखनी जल ग्राम, लापोडिय़ा गांव, धुले जिले के सुरेश खानापुरकर सरीखे प्रयोगों के प्रयास को अपने-2 क्षेत्र की स्थिति को समझकर अपनाया जाना चाहिए। कृषि, मिश्रित फसली, बहुफसली हो।

प्राकृतिक खेती की तरफ ध्यान देने की जरूरत

पालेकर कृषि पद्धति, उनकी ही पंचस्तरीय बागवानी पद्धति, बुंदेलखंड की आवर्तनशील कृषि पद्धति आदि प्रयोगों के प्रकाश में प्राकृतिक खेती की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। गोविंदाचार्य ने अग्निहोत्र पर भी जोर दिया। वनाच्छादन और बागवानी को विशेष प्राथमिकता देने पर बल दिया। वनवासी क्षेत्र के लोगों को इसके लिए विशेष दायित्व देने की योजना बनाए जाने की बात कही। वहीं स्वदेशी जागरण मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह संयोजक डॉ वीके सिंह के साथ स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने वर्तमान परिस्थियों में स्वदेशी आंदोलन के महत्व एवं दिशा पर चर्चा की। इस मौके पर विभाग संयोजक कैप्टन मुकेश, पूनम मिश्र, प्रतापगढ़ संयोजक दत्तात्रेय पांडेय, स्वदेशी के पूर्णकालिक एजुकेटर विकास, स्वावलंबन समिति से खुशबू कुशवाहा, सुशील कुमार पांडेय, ओम प्रकाश मिश्रा, दुकान जी, सरदार पतिविंदर सिंह, अनिल पांडेय आदि उपस्थित रहे।


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