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प्रयागराज में RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- सनातन संस्कृति का जीवन प्रवाह हैं गंगा नदी

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि गंगा धारा भारत वर्ष में अपने उद्गम स्थल से अब तक निरंतर चलती आ रही है। ऐसा ही चलता रहे तभी हमारा जीवन चलेगा और भारत वर्ष का जीवन चलेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 03:45 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 10:43 AM (IST)
प्रयागराज में RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- सनातन संस्कृति का जीवन प्रवाह हैं  गंगा नदी
राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत संगम तट पर आरती करते हुए।

प्रयागराज,जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को पवित्र त्रिवेणी पर गंगा पूजन, आरती और दीपदान के बाद व्यक्त विचार किए। गंगा नदी को मृत्युलोक में भगीरथ ने प्रवाहित किया। यह बहुत प्राचीन हैं। यह सिर्फ संघ का आयाम नहीं है।

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उन्होंने कहा कि यह भारत वर्ष की जीवनदायनी जीवनधारा संस्कृति का प्रवाही आयाम है। जो युगों युगों से चलता आ रहा है। अनेक प्रवाहों को अपने में समाहित कर स्वयं अपरिवर्तित रहते हुए जो भी पास आता है उसे पावन करते हुए चला है। गंगा धारा हमारे भारत वर्ष की जीवन धारा का दृश्य रूप है। यह दृश्य होकर भी हमारी जीवन धारा का प्राण है।   

गंगा की धारा हम सब के भौतिक जीवन को भी समुन्नत बनाती रहे: उन्होंने कहा कि गंगा धारा भारत वर्ष में अपने उद्गम स्थल से अब तक निरंतर चलती आ रही है। ऐसा ही चलता रहे तभी हमारा जीवन चलेगा और भारत वर्ष का जीवन चलेगा। गंगा धारा बहती रहेगी तो दुनिया के सभी पीडि़त लोग इसमें डुबकी लगाकर अपने लिए शांति का अनुभव कर सकेंगे। इसकी वजह, यह सनातन संस्कृति का जीवन प्रवाह है। गंगा की धारा हम सब के भौतिक जीवन को भी समुन्नत बनाती रहे। इसे लिए सभी को अपने दायित्व को समझना होगा।

इससे पूर्व भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम के उद्घोष के बीच सर संघचालक  7:07 बजे पूजन स्थल पर पहुंचे। वहां पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, स्वामी वासुदेवानंद गंगा समग्र के राष्ट्रीय सचिव डॉ. आशीष गौतम, संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, काशी प्रांत के प्रांत संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम पहले से मौजूद रहे।

भारी सुरक्षा रही मौजूद: तट पर भारी भीड़ और कड़ी सुरक्षा के बीच सर संघचालक के पहुंचने पर तिलक लगाकर स्वागत किया गया। वेद पाठी ब्राह्मणों की टोली ने स्वस्तिवाचन तथा संकल्प कराया। षोडशोपचार पद्धति से वैदिक मंत्रों के साथ भागीरथी नमोस्तुते मंत्र गूंजने लगा। विशेष रूप से तैयार किए गए मंच पर गंगा की अविरल धारा में सरसंघचालक ने प्रमुख संतो एवं पदाधिकारियों के साथ पुष्प, अक्षत समॢपत कर धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ा श्रद्धा भाव से पूजन किया।

मां गंगा को दूध चढ़ाया: संघ प्रमुख ने मां गंगा को आंख बंद कर भक्ति भाव से दूध चढ़ाया। इसके पश्चात गंगा आरती कर मंच से तट की ओर जाकर दीपदान भी किया। इसी क्रम में उन्होंने आरती लेकर फल का प्रसाद और चरणामृत का पान किया। गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मिथिलेश नारायण, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रांत प्रचारक रमेश, सह प्रांत कार्यवाह डॉ. राकेश, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य आलोक मालवीय, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. मुरारजी त्रिपाठी, विभाग प्रचारक कृष्ण चंद  आदि मौजूद रहे।


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