RSS ने संगम तट से CAA के समर्थन में फूंका बिगुल, अभियान चलाकर बांटे एक लाख पत्रक Prayagraj News
सीएए के समर्थन में आरएसएस कार्यकता्रओं ने प्रयागराज के माघ मेला क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया। श्रद्धालुओं व कल्पवासियों के शिविर में जाकर भ्रांतियां दूर की।
प्रयागराज, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली के शाहीनबाग और प्रयागराज के रोशनबाग में सीएए के विरोध में हो रहे आंदोलन के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सामने आया है। आरएसएस के स्वयंसेवकों ने संगम तट से बड़े अभियान का बिगुल फूंका। स्वयं सेवकों ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को सीएए के समर्थन में पत्रक वितरित किया। दिन भर में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को ये पत्रक वितरित किए गए।
स्वयंसेवकों ने कल्पवासियों से मिलकर उन्हें सीएए के बारे में भ्रम को दूर किया
स्वयं सेवकों ने माघमेला क्षेत्र में कल्पवासियों, स्नानार्थियों और साधु-संतों को पत्रक वितरित कर सीएए के बारे में बताया। विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र, जिला कार्यवाह उत्तर भाग शिव प्रकाश और जिला कार्यवाह दक्षिण भाग वीरकृष्ण की अगुवाई में श्रद्धालुओं को जागरूक भी किया गया। कल्पवासियों के तंबुओं में जाकर उन्हें सीएए के बारे में सही जानकारी दी तथा मुस्लिम समाज में फैले हुए भ्रम को गलत करार दिया। जनसंपर्क अभियान में 29 नगरों और 300 बस्तियों के एक हजार स्वयं सेवकों की 29 टोलियां शामिल रहीं।
देश विरोधी ताकतें भारत को तोडऩे का कुचक्र रच रही हैं : कृष्णचंद्र
विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र ने कहा कि देश में सीएए के विरोध में सुनियोजित तरीके से देश विरोधी ताकतों द्वारा आंदोलन चलाकर भारत को तोडऩे का कुचक्र रचा जा रहा है, लेकिन संघ जैसी राष्ट्रवादी ताकतों के रहते ऐसा कभी संभव नहीं हो पाएगा। अभियान में पूर्व जिला संघ चालक वेंकटेश, वीरेंद्र राय, विनोद, मनीष, अनिरूद्ध, विमलेश, वीके राय शामिल रहे।
सीएए के विरोध में कई जुलूस पहुंचे मंसूर अली पार्क
रोशन बाग स्थित मंसूर अली पार्क में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में चल रहा आंदोलन जारी है। कई जुलूस शहर के विभिन्न मोहल्लों से मंसूर अली पार्क पहुंचे। इसमें महिलाओं की तादाद ज्यादा रही। महिलाएं सीएए के विरोध में इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए मंसूर अली पार्क पहुंचीं। धरनास्थल पर कई वामपंथी दलों के लोग इसे काला कानून बताते हुए नारे लगाए। तकरीबन 22 दिन से जारी इस आंदोलन में महिलाएं सीएए को वापस लेने की मांग कर रही हैं। अकबरपुर की शबनम बेगम हो या करेली की रोशन जहां, उनका कहना था कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा, यह आंदोलन जारी रहेगा।