प्रयागराज में ओवरलोडिंग और अवैध बालू, गिटटी के परिवहन से सड़के बदहाल
गंगापार में भी ईंट भट्ठों के चलते सड़कें खराब हो रही हैैं। इन भट्ठों पर कोयला भरे वाहन ओवरलोड चलते हैैं। यही नहीं ईंट से लदी ट्रैक्टर ट्रालियां भी ओवरलोड ही होती हैैं। रोज ही सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली क्षेत्र के संपर्क मार्गों पर दौड़ते हैैं ।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले में ओवरलोडिंग के चलते नई-नई सड़कें बर्बाद हो रही हैैं। कहीं अवैध गिट्टी तो कहीं पर बालू का अवैध परिवहन हो रहा है। वह भी ओवरलोडिंग इतना ज्यादा कि सड़कें जल्दी ही खराब हो जाती है। खासतौर पर यमुनापार के घूरपुर, बारा, शंकरगढ़, कौंधियारा, जसरा, गौहनिया, लालापुर, प्रतापपुर, मेजा, कोरांव, खीरी, लेडिय़ारी, मांडा क्षेत्र में ज्यादा ही बालू और गिट्टïी खनन के चलते ओवरलोडिंग होती है। ओवरलोड वाहन सड़कों पर चलते हैैं तो सड़कें जल्दी ही खराब हो जाती हैैं। फिर दोबारा सड़क बनाने में वर्षों लग जाते हैैं, जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गंगापार में ईंट भट़ठे की ट्रालियाें में रहती है ओवरलोडिंग
इसी तरह गंगापार में भी ईंट भट्ठों के चलते सड़कें खराब हो रही हैैं। इन भट्ठों पर कोयला भरे वाहन ओवरलोड चलते हैैं। यही नहीं ईंट से लदी ट्रैक्टर ट्रालियां भी ओवरलोड ही होती हैैं। रोज ही सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली क्षेत्र के संपर्क मार्गों पर दौड़ते हैैं जिनसे सड़कें खराब हो जाती हैैं। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने वाला श्रृंगवेरपुर धाम ईंट-भटठे के संचालन के चलते धूल-धूसरित हो रहा है। कच्ची ईंट की पथाई करने के लिए ट्रैक्टर से मिट्टी की लगातार ढुलाई की जा रही है। दर्जन भर ईंट भटठे में लगे ट्रैक्टर के आवागमन से सड़कें उखड़ गई हैं। सड़कों पर मिट्टी की कई परत जमने से राहगीरों का चलना मुश्किल हो रहा है। ट्रैक्टर के बार-बार आने जाने से लोगों को अपनी जान जोखिम में भी डालना पड़ रहा है।
श्रृंगवेरपुर इलाके में दर्जन भर से अधिक ईंट भटठे का संचालन हो रहा है। जिसके कच्ची ईंट तैयार करने के लिए सड़क के किनारे खेतों को लीज पर लेकर आसपास डंप की गई मिट्टी की दिन भर ट्रैक्टर से ढुलाई की जाती है। लोडर ट्रैक्टर के तेज रफ्तार चलने से सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर की ट्राली पर लदी मिट्टी जगह-जगह सड़कों पर गिर गई है। जिससे वाहनों के आने जाने पर रास्ता धूल से पट जाता है। साइकिल, मोटरसाइकिल से आने-जाने वाले ग्रामीण धूल से सराबोर हो जाते हैं। आंखों में धूल मिट्टी घुसने से गड्ढायुक्त सड़क पर आए दिन हादसा होता है। आस-पास के ग्रामीणों को भटठा संचालन से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आरोप तो यह भी है कि फलदार वृक्षों के बीच भटठा संचालन पर्यावरण पर भी हमलावर है। फर्राटा भर रहे लोडर ट्रैक्टर पर लगाम लगाने के लिए ग्रामीणों ने मांग उठाई है। गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को भी आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।