RO-ARO Exam 2016 : चार लाख अभ्यर्थियों के लिए बड़ा अवसर, नए सिरे से परीक्षा दे सकेंगे अभ्यर्थी
RO-ARO Exam 2016 उनके लिए यह परीक्षा किसी वरदान से कम नहीं होगी जिनका अंतिम अवसर था। वहीं जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और असफल हैं उन्हें भी राहत मिली है।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा (RO-ARO Exam 2016) को लटकाने और भटकाने से बचाने के लिए निरस्त किया है। 27 नवंबर 2016 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम अब तक नहीं आ सका था और जिस तरह से दोबारा जांच के निर्देश हुए हैं उससे रिजल्ट कब जारी हो पाता इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके बाद भी पेपर लीक के लिए यह परीक्षा हमेशा चर्चा में बनी रहती।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने मंगलवार को इस संबंध में मैराथन बैठक करके चयन में देरी से इस भर्ती को उबार लिया है। अफसरों ने विज्ञापन न निरस्त करके सिर्फ परीक्षा को ही रद किया है। इससे तीन लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत अभ्यर्थी अब नए सिरे से इम्तिहान दे सकेंगे। पिछली बार की परीक्षा में तो उपस्थिति करीब 52 प्रतिशत ही थी। इस दौरान परीक्षा देने वालों में कुछ का चयन हो गया होगा इसके बाद भी अचयनितों की संख्या काफी अधिक है। उनमें से उनके लिए यह परीक्षा किसी वरदान से कम नहीं होगी जिनका अंतिम अवसर था। वहीं, जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और असफल हैं, उन्हें भी राहत मिली है। यह जरूर है कि जिन्होंने पिछली मर्तबा बेहतर पेपर देकर चयन की उम्मीद संजोयी थी वह जरूर निराश होंगे।
आयोग खुद भर्ती के लिए था बेकरार
इस भर्ती को पूरा करने के लिए यूपीपीएससी खुद बेकरार है, क्योंकि आयोग में ही समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी के तमाम पद खाली पड़े हैं। इस बीच जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा था। परीक्षाएं व उनके परिणाम उस गति से नहीं आ पा रहे हैं, जिस तरह से तैयारी चल रही है। माना जा रहा था कि जैसे ही यह भर्ती पूरा होगी। कर्मियों का संकट खत्म हो जाएगा लेकिन, विवाद और बढ़ता दिखा तो परीक्षा निरस्त करना सबसे बेहतर दिखा।
आयोग तीन मई को कराएगा दोबारा परीक्षा
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आरओ/एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा 2016 को निरस्त कर दिया है। आयोग ने यह अहम निर्णय सपा शासन में परीक्षा का पेपर लखनऊ में लीक होने और निरंतर विवाद बढ़ने के कारण मंगलवार को लिया है। प्रदेशभर के प्रतियोगी छात्रों ने हंगामा किया था व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पेपर लीक की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीसीआईडी लखनऊ की जांच से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और कुछ दिन पहले कोर्ट ने नए सिरे से जांच कराने का आदेश दिया है। यूपीपीएससी यह परीक्षा अब तीन मई 2020 को दोबारा कराएगा। इसके लिए किसी का आवेदन नहीं लिया जाएगा। जो अभ्यर्थी पहले परीक्षा में शामिल हुए थे उन्हीं को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।